पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान की नौ मई की पार्टी को गिरफ्तारी के बाद हुई हिंसा के मद्देनजर देश में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर यहां एक बैठक को संबोधित करते हुए शाहबाज ने कहा कि “दंगी” कानून से बच नहीं पाएंगे।
पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शाहबाज शरीफ ने रविवार को कहा कि नौ मई की हिंसा और सैन्य निर्णय तथा सरकार के अधीन हमलों में संलिप्त लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान की नौ मई की पार्टी को गिरफ्तारी के बाद हुई हिंसा के मद्देनजर देश में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर यहां एक बैठक को संबोधित करते हुए शाहबाज ने कहा कि “दंगी” कानून से बच नहीं पाएंगे। उन्होंने कहा, “यह फैसला लिया गया है कि नौ मई की हिंसा में लोगों को संलिप्त किया जाएगा और इसे भड़काने वालों को कानून और संविधान के अनुसार माना जाएगा।”
आरोपित है कि नौ मई को उच्च न्यायालय परिसर से अर्धसैनिक बल के कर्मियों द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। उनके पक्ष ने जिन्ना हाउस (लाहौर कोर कमांडर हाउस), मियांवाली इलेक्ट्रिकल टर्मिनल और निर्णयबाद में आईएसआई भवन सहित एक जिम्मेवारी प्राधिकरण में वरीयता की थी। रावलपिंडी में सेना मुख्यालय पर भी भीड़ ने हमला किया था। पुलिस ने दावा किया है कि हिंसक झड़पों में 10 लोगों की मौत हुई है, जबकि खान की पार्टी का कहना है कि सुरक्षाबलों की शूटिंग में उसके 40 कार्यकर्ता मारे गए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह कोई मज़ाक नहीं था कि मातम ने कराची में गड़बड़ी के लिए दशकों पर हमला किया और फिर “खान के सन्नाटे ने मियांवाली में विमान में आग लगा दी” जिसका उपयोग दुश्मन के खिलाफ किया गया था। उन्होंने कहा, “मैं पंजाब के नंबर, देश के गृह मंत्री और खुफिया ब्यूरो से अपने माप का अनुपात करने को कहा है।” प्रधानमंत्री ने “नौ मई को खान की पार्टी के सदस्यों द्वारा हिंसा की गई” की तुलना प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान समूह के कृत्यों से की।
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