
UNITED NEWS OF ASIA. नेमिष अग्रवाल, राजनांदगांव। मकर संक्रांति पर गुजरात की पतंग बाजी देश भर में मशहूर है। मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाना शुभ माना जाता है। जिसके चलते कई राज्य और शहरों में पतंगबाजी की जाती है। राजनंदगांव शहर में भी मकर संक्रांति पर बड़े पैमाने में पतंग की बिक्री होती है और खुले आसमान पर पतंग उड़ा कर मकर संक्रांति का उत्सव मनाया जाता है। मकर संक्रांति में पतंग की डिमांड को लेकर शहर में इन दिनों आधुनिक पतंग की दुकानें सजी हुई है जो इस त्यौहार को खास बनाने वाली है।
शहर में मकर संक्रांति के लिए पैराशूट कपड़ों की पतंग भी पहुंच गई है। इस पतंग की खासियत यह है कि इसे फोल्ड किया जा सकता है और उडा़ने वाले स्थान पर ही जाकर इसे पतंग के रूप में तैयार करते हुए उड़ाया जा सकता है। आम पतंगों के बीच पहुंची इस खास पतंग की कीमत भी अधिक है, जो तेज हवा में फर्राटे से उड़ती है और फटती भी नहीं है। 100 वर्षों से भी अधिक समय से पतंग का व्यापार करने वाले शहर के ताज गद्दे वाले मोहम्मद गौस गोरी का कहना है कि लोग अपनी पसंद के आगे रकम नहीं देखते हैं। उन्होंने कहा कि वे अपनी तीन पीढियां की परंपरा को बनाए रखने के लिए पतंग बेचते हैं।
मकर संक्रांति और गणतंत्र दिवस पर राजनांदगांव शहर में काफी पतंगे उड़ाई जाती है। लोगों की मांग के अनुसार पतंगे पांच रुपए से लेकर 1500 सौ रूपये तक के की दर में उपलब्ध है। शहर के गोल बाजार स्थित ताज पतंग भंडार में वैसे तो वर्ष भर पतंगे बिकती है। लेकिन सबसे ज्यादा पतंगे मकर संक्रांति पर बिकती है। मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने की परंपरा के चलते एक दिन में ही कई महीनों की पतंग बिक जाती है।
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