UNITED NEWS OF ASIA. जिले का स्वास्थ्य महकमा आज कल सभी के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है … और बने भी क्यों न, मुख्यालय में सीएमएचओ डॉ मुखर्जी और पंडरिया में बीएमओ तिवारी की जुगल बंदी से पूरे स्वास्थ्य महकमे में आतंक मचा रखा है ।
पंडरिया स्वास्थ्य विभाग में हर वर्ग की परेशानी देख आपकी आंखें जरूर नम हों जायेगी लेकिन बीएमओ तिवारी टस से मस नहीं होते है।
दरअसल अपने हीरोगिरी रवैए झाड़ते इस विलन की पाप की गठरी इतनी लंबी है के भर ही नही रही है । शायद यही कारण है के अपने कर्मक्षेत्र से लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय तक भाईसाहब की जड़ें अब तक मजबूत है ।
संलग्निकरण के खेल से प्रकाश में आए बीएमओ के कई बड़े कारनामे एक के बाद एक सामने आ रहे है । लेकिन इतने के बाद भी कार्यवाही न होना समझ से परे है । विभागीय कार्यों को छोड़िए हद तो तब हो गई है जब बतौर एक डॉ अपने कर्म को भूलकर एक अज्ञात कारणों से जहर सेवन किए युवक की जान तक को दाव में लगा दिया था । जैसे तैसे युवक को रेफर किया गया है ।
हॉस्पिटल प्रबंधन के किसी कार्यों में ध्यान नहीं होना बीएमओ तिवारी की बड़ी लापरवाही से किसी बड़ी घटना को न्योता न दे या किसी परिवार की खुशी न झीन ले । हॉस्पिटल में विद्युत व्यवस्था का भी खस्ताहाल है अभी कुछ दिन पूर्व ही वहां लगे ट्रांसफार्मर का एसडीएम के हस्तक्षेप से मरम्मत कार्य किया गया है । जनरेटर तो है लेकिन सेल्फ स्टार्ट के लिए बैटरी तक उपलब्ध नहीं है । अज्ञात बच्चों को एडॉप करने के लिए हॉस्पिटल कैंपस में झूला तो है लेकिन किसी ने वहा नवजात को रखा है स्टाफ को जानकारी मिले 30 रुपय का घंटी तक नहीं है ।
अब देखना यह कि पूर्ववर्ती सरकार में अपने जड़ें जमाए बैठे बीएमओ साहब अपने हीरोगिरी से क्या नई सरकार को भी साधने में सफल होते है या नई सरकार जनता की आक्रोश पर बीएमओ तिवारी पर त्वष्टा वज्र गिराती है ?