
सांकेतिक तस्वीर
आर्थिक संकट के बीच पाकिस्तान की परमाणु साजिश आर्थिक तंगी से जूझते पाकिस्तान में लोग भूख से तड़प रहे हैं। एक-एक पाए के लिए वह मोहताज है। मगर दिवालियापन होने की दृष्टी पर खडे होने के बावजूद पाकिस्तान अपना नापाक हरकतों से बाबा नहीं आ रहा है। यही वजह है कि पाकिस्तान परमाणु बम के बावजूद कंगाली के लिए खतरनाक साजिश रची जा रही थी। ब्रिटेन के लंदन में पाकिस्तान का यह षड्यंत्र का भंडाफोड़ होने से दुनिया भर में हड़कंप मच गया है। ब्रिटेन के सुरक्षा एजेंसियां पाकिस्तान के डर्टी प्लान की जांच करने में जुट गई हैं। अटलांटा दुनिया के सामने बेनकाब होने के बाद पाकिस्तान ने जेक को खारिज कर दिया है।
दरअसल लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर परमाणु बम बनाने वाला यूरेनियम का पैकेट पकड़ा गया है, जिसे पाकिस्तान से भेजा गया था। शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि इसे ईरान की एक कंपनी को भेजा गया था। न्यू टाइम ईस्ट ही अमेरिका ने ईरान के गुप्त परमाणु कार्यक्रम से दुनिया को खतरे का अंदेशा भी जताया था। ऐसे वक्त में ईरान को पाकिस्तान से यूरेनियम भेजा जाना खतरनाक अंतरराष्ट्रीय साजिश की ओर इशारा करता है। आपको बता दें कि यूरेनियम परमाणु बम बनाने का काम आता है, जिसकी खरीद और बिक्री दुनिया भर में प्रतिबंधित है। इसके बावजूद पाकिस्तान यूरेनियम का पैकेट गुप्त तरीके से ईरान भेज रहा था। मगर वहां पहुंचने से पहले ब्रिटेन की पुलिस ने एयरपोर्ट पर पकड़ बना ली। इसे कबाड़ के बीच भेजा गया था। हालांकि पाकिस्तान ने अपने ऊपर इन झूठों से पल्लड़ झाड़ लिया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने ऐसा कोई भी पैकेट देने से इंकार कर दिया है।
ओमान के रास्ते ब्रिटेन के एयरपोर्ट से यूरेनियम
लंदन की सुरक्षा सील को शुरुआती जांच में पता चला है कि पाकिस्तान से ओमान के रास्ते यह यूरेनियम ब्रिटेन एयरपोर्ट तक पहुंच गया है। ब्रिटेन के पुलिस कमांडर रिचर्ड स्मिथ ने पाकिस्तान से आए इस पैकेट को खतरनाक बताया है, लेकिन इसकी मात्रा कम होने से लोगों को चिंता नहीं करने की बात कही है। बताया जा रहा है कि पकड़े गए यूरेनियम की मात्रा 2 से 3 किलोग्राम तक है। इसलिए यूरेनियम परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त होता है। हालांकि इसकी गुणवत्ता का भी अध्ययन किया जा रहा है कि क्या यह परमाणु बम बनाना संभव था? वहीं एक अखबार ने दावा किया कि यूरेनियम की गुणवत्ता वाले परमाणु बम नहीं बनाए गए थे।
ईरान को यूरेनियम रिकॉर्ड का क्या हो सकता है मकसद
सुरक्षा एजेंसियां इस बात का भी पीछा कर रही हैं कि पाकिस्तान की ओर से ईरान को यह यूरेनियम लाने का क्या मकसद था। क्या ईरान को परमाणु बम बनाने के लिए यूरेनियम और तकनीक देकर वह धन कमाना चाहता था, क्या पाकिस्तान ने आर्थिक तंगी से अधिकारों के लिए यह साजिश रची थी?… आशंका यह भी है कि पाकिस्तान ईरान को यूरेनियम देने के साथ ही साथ परमाणु बम बनाने की तकनीक आपस में फैलाना चाह रहा था। भारत ने भी कुछ माह पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान द्वारा उत्तर कोरिया और अन्य देशों के साथ परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल तकनीक गुप्त तरीके से सीधे-प्रस्ताव करने की आशंका जाहिर की थी। पाकिस्तान की ओर से इस यूरेनियम के पकड़े जाने की आशंका के बाद भेजा गया और यह प्रबल हो गया।
ब्रिटेन में दहलाने की साजिश भी हो सकती है
आशंका यह भी है कि अगर यूरेनियम कम गुणवत्ता वाला पकड़ा गया तो यह खतरनाक बम बनाने के लिए पाकिस्तान ने लंदन भेजा था, क्योंकि कम गुणवत्ता वाले यूरेनियम से परमाणु बम से कम संभावना वाले अन्य बम हजारों साल शक्तिशाली बम बन सकते हैं। ब्रिटेन पुलिस इसलिए भी हैरान है कि कहीं पाकिस्तान ने ब्रिटेन को दहलाने के लिए तो इस यूरेनियम को नहीं भेजा था?..जिसका इस्तेमाल बम बनाने में किया जाने वाला था?…ऐसे तमाम विकल्पों पर जांच की जा रही है। मगर पाकिस्तान की इस हरकत ने दुनिया को परमाणु खतरे के प्रति संवेदनशील बना दिया है।



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