
एस. जयशंकर, विदेश मंत्री
संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त सुरक्षा राष्ट्र परिषद में कश्मीर का दावा उठाने पर भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि एक देश जिसने अल-कायदा नेता ओसामा बिन लादेन की मेजबानी की और अपने पड़ोसी देश की संसद पर हमला किया, उसके पास संयुक्त राष्ट्र में उपदेश देने का हक नहीं है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की साख हमारे समय की प्रमुख कड़वाहट, चाहे वह महामारी हो, सृष्टि परिवर्तन, संघर्ष या आतंकवाद हो, की प्रभावी प्रतिक्रिया पर कायम है। सुरक्षा राष्ट्र परिषद (यूएनएससी) में ‘अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा और संयुक्त बहुपक्षवाद के लिए नया सुधार’ दिशा विषय पर खुली बहस की अध्यक्षता करते हुए जयशंकर ने कहा, ‘हम स्पष्ट रूप से आज बहुपक्षवाद में सुधार की तेजता पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं । स्वाभाविक रूप से हमारा अपना विशेष विचार होगा, लेकिन कम से कम एक समानता बढ़ रही है कि इसमें और विलंब नहीं हो सकता।’
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने उठाया कश्मीर का माइल
उन्होंने कहा, ‘दुनिया जो अनुमान लगाती है, उसे सही पहचान का सवाल ही नहीं उठना चाहिए।’ यह निश्चित रूप से आतंकवाद के राज्य की सीमा पार करने के लिए प्रायोजन पर लागू होता है। न ही ओसामा बिन लादेन की मेजबानी करना और पड़ोसी देश की संसद पर हमला करना इस परिषद के सामने उपदेश देने के लिए प्रमाणिकता के रूप में काम कर सकता है।’ पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की ओर से संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर के राग अलापने पर जयशंकर ने यह प्रतिक्रिया व्यक्त की।
13 दिसंबर 2001 को लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद की संसद ने संसद पर हमला किया। इस हमले में खुद की दावेदारी करते हुए दिल्ली पुलिस के पांच जवान, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक महिला कर्मी और संसद के दो शहीद हुए थे। हमले में एक कर्मचारी और एक कैमरामैन की भी मौत हो गई थी।
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