अफगानिस्तान की सत्ता पर 15 अगस्त 2021 को जब तालेबंदी का कब्जा हुआ तो पाकिस्तान की खुशी छिपी नहीं रह गई थी। ऐसा माना जाता है कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में ताले की सरकार की रूपरेखा तैयार करने में भी प्रमुख भूमिका निभाई थी। पाकिस्तान की बदनाम खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख लेफ्टिनमेंट जनरल फैज हमीद रात-रात अफगानिस्तान पहुंचे थे और गिरोह के नेताओं के साथ बैठक के दौरान चाय की चुस्की लेते हुए उनकी तस्वीर काफी सुरखियां बटोरी थीं।
पाकिस्तान और आबंटन की गणना बदल गई!
आज जब जनवरी 2023 में हम पीछे की ओर मुड़ रहे हैं तो पाकिस्तान और गठबंधन के अनुपात काफी बदले हुए नजर आ रहे हैं। हाल ही में पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने धमकी दी कि कार्रवाई के लिए उनकी सेना अफगानिस्तान में भी घुसपैठ कर सकती है, तो तालिबान की तरफ से सनसनाता ने जवाब दिया था। तालेबान के नेता अहमद यासिर ने 1971 की जंग में भारत के हाथों पाकिस्तान की हार के बाद उनकी सेना के सरेंडर की तस्वीर ट्वीट करते हुए कहा था कि अगर ऐसा कुछ हुआ तो ‘हम भी ऐसा ही हाल करेंगे जैसा भारत ने किया था।’
पाकिस्तान के लिए बंद अब भस्मासुर साबित हो रहा है।
आंसुओं में बह गए पाकिस्तान के दिल के अरमां
पाकिस्तान को लगा कि इस्लामिक गुट के एक रिश्तेदार के संबंध में भारत की ओर से गड़बड़ी फैलाने में उसकी मदद करेगा, लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ। उल्टे तहरिक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने चढ़ाई की नाकों में दम कर लिया है और उसके सैनिकों पर लगातार हमले कर रहा है। डूरंड लाइन पर अक्सर ही टकराव की खबरें आ रही हैं और पाकिस्तान के लिए वहां किसी स्थिति में कर पाना मुश्किल हो रहा है। कहीं पाकिस्तान सोच रहा था कि आन्दोलन कश्मीर में आतंक फैलाने में उसकी मदद करेगा, और कहाँ अब खुद को जान के लाले हैं।
पाकिस्तान की बजाय भारत के करीब होंगे तलिबान?
आइसलैंड ज़हर भारत की जरूरत है, और यही कारण है कि वह इसके खिलाफ कुछ नहीं करेगा। वहीं, पाकिस्तान का पड़ोसी और तमाम अगसों का मानना है कि कार्यक्षेत्र ने उनके कुछ हिस्सों पर कब्जा कर लिया है। ऐसे में एक मजबूत कार्य निश्चित तौर पर पाकिस्तान के लिए बड़ा खतरा है। जहां तक भारत का सवाल है, तो जब तक आलिंद को भारत से मदद की आस रहेगी, वह शायद ही इसके खिलाफ कोई कदम उठाएगा। ऐसे में मौजूदा मौजूद अगर भारत का दोस्त नहीं है, तो उसकी तरफ से किसी भी तरह के लेन-देन की कोई आशंका नहीं है।