
UNITED NEWS OF ASIA. नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने कड़ा और निर्णायक रुख अपनाया है। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की आपात बैठक में कई सख्त और रणनीतिक फैसले लिए गए। यह बैठक करीब ढाई घंटे चली, जिसमें देश की सुरक्षा और पाकिस्तान को जवाब देने की दिशा में बड़े निर्णय हुए।
भारत का सबसे बड़ा कदम: सिंधु जल समझौता निलंबित
भारत ने 1960 में पाकिस्तान के साथ हुए सिंधु जल समझौते पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। यह फैसला पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव बढ़ाने की दिशा में एक ऐतिहासिक और निर्णायक कदम माना जा रहा है।
पाकिस्तान के नागरिकों को वीजा पर रोक
भारत सरकार ने घोषणा की है कि अगली सूचना तक पाकिस्तान के नागरिकों को भारतीय वीजा नहीं दिया जाएगा। यह निर्णय भारत की सुरक्षा प्राथमिकताओं को देखते हुए लिया गया है।
अटारी-वाघा बॉर्डर बंद, राजनयिक संपर्क भी निलंबित
CCS बैठक में अटारी-वाघा बॉर्डर को अस्थायी रूप से बंद करने और पाकिस्तान उच्चायोग से सभी अनौपचारिक संवाद बंद करने का निर्णय भी लिया गया। इससे भारत की सख्त नीति का स्पष्ट संदेश जाता है।
हमले में 26 मौतें, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन की कोशिश
विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने बैठक के बाद बताया कि इस आतंकी हमले में अब तक 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली नागरिक की मौत की पुष्टि हो चुकी है। भारत अब वैश्विक मंचों पर इस हमले के खिलाफ समर्थन जुटाने की दिशा में सक्रिय हो गया है।
20 लाख रुपये का इनाम, अलर्ट पर एजेंसियां
अनंतनाग पुलिस ने हमलावरों की जानकारी देने वालों के लिए 20 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की है। साथ ही, देश की सभी सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
PM मोदी का सख्त संदेश:
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “यह हमला सिर्फ निर्दोष नागरिकों पर नहीं, बल्कि भारत की संप्रभुता और आत्मसम्मान पर सीधा हमला है। इसका जवाब पूरी ताकत से दिया जाएगा।”
In the wake of the terrorist attack in Pahalgam, chaired a meeting of the CCS at 7, Lok Kalyan Marg. pic.twitter.com/bZj5gggp5l
— Narendra Modi (@narendramodi) April 23, 2025



- लेटेस्ट न्यूज़ पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
- विडियो ख़बरें देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
- डार्क सीक्रेट्स की ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
- UNA विश्लेषण की ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें