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ताइवान और जापान के बाहर, चीन में बचा हुआ फिलीपींस…तो सामने खड़ा है हिंदुस्तान

पीएम मोदी- इंडिया टीवी हिंदी

छवि स्रोत: एपी
पीएम मोदी

भारत बनाम चीन : चीन ने अपनी विस्तारवादी नीति और खोटी नीयत के चलते सिर्फ भारत के साथ ही नहीं, बल्कि कई अन्य देशों के साथ भी रिश्तों को घनिष्ठ संबंध बनाया है। इसमें भारत के अलावा ताइवान से लेकर फिलीपींस, मलेशिया, वियतनाम, जापान, नेपाल, भूटान, ब्लूस, दक्षिण कोरिया, हांगकांग, मकाऊ जैसे 20 देशों के साथ चीन विवाद है। चीन की सीमा भारत करीब 25 देशों से जुड़ती है। भारत के कब्जे वाले तिब्बतन और आक्साई चिन को हथियाने के बाद अब चीन की नजर अरुणाचल, संकेत और सिक्किम पर टिकी है। इसीलिए कभी चीन डोकलाम में कभी, गालवान में तो कभी तवांग में भारतीय सेना के साथ झड़पें करता रहता है। चीन भारत के इन संबंधों पर कनेक्शन कब्जा करना चाहता है। मगर अब राष्ट्रपति शीपिंग बुरी तरह फंसने वाले हैं।

जापान और चीन का पुराना दुश्मन है। फिलीपींस, मलेशिया और दक्षिण कोरिया के साथ भी चीन का गहरा विवाद है। ताइवान पर भी चीन का कब्जा जमाना चाहता है। वह अमेरिका से भी दुश्मनी पाले हुए है। दरअसल दक्षिण चीन पूर्व एशिया सहित पश्चिमी देशों को भी ढाकना चाहता है। इसीलिए वह पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना हक जमाता है। इसके अलावा हिंद और प्रशांत महासागर के भी ज्यादातर हिस्सों पर अपना अधिपत्य जमा रहा है। चीन के इन कारनामों से भारत सहित जापान, ताइवान और फिलीपींस जैसे देश सबसे ज्यादा परेशान हैं। फंसे हुए सभी देश चीन को उसी की भाषा में जवाब देने की रणनीति बनाने में जुट गए हैं। ऐसे में चीन की बढ़ती हुई मुश्किलें सामने आ रही हैं।

जापान चीन को सिखाएगा सब

दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जापान दुनिया का सबसे ताकतवर देश था, उसकी सेना तब चीन तक घुस आई थी। मगर जब अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागाशा पर परमाणु बम गिराया तो उसका सरेंडर गिर गया। इसके बाद अन्य देशों सहित जापान की चीन सेना भी वापस लौट गई। अन्यथा दुनिया के एक से अधिक देश जापान के व्यवसाय में आ चुके थे। इसके बाद जापान के एक बड़े समुद्री क्षेत्र को चीन ने हथिया लिया था। इस द्वीप को लेकर अक्सर चीन और जापान के बीच तनातनी रहती है। अटल चीन अमेरिका को भी पीछे देखकर दुनिया का सुपर पावरफुल बनना चाहता है। इसलिए चीन ने उत्तर कोरिया से भी दोस्ती की है। यूक्रेन युद्ध के आगाज से ही दुनिया पर तीसरे विश्व युद्ध का खतरा मंडरा रहा है। चीन की चाल पर हावी होते हुए अब जापान ने पैरवी की है। चीन के कई समुद्री जहाज़ जापान की समुद्री सीमा से जुड़े इलाकों में चक्कर काट रहे हैं। जापान ने भी अब अपने कई युद्ध पोतों को चीन को जवाब देने के लिए समुद्र में उतार दिया है। इससे लग रहा है कि चीन और जापान के बीच तनाव बढ़ रहा है।

दूसरे विश्व युद्ध के बाद फिर से जापान से ताकतें बढ़ीं
दूसरे विश्व युद्ध के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब जापान तीसरे विश्व युद्ध की आशंकाओं और चीन की बढ़ती महत्वाकांक्षा का सामना कर रहा है और उसका जवाब देने के लिए अपनी ताकतें बढ़ा रहा है। इस दौरान जापान ने अपने रक्षा बजट को मौजूदा बजट से कई गुणा बढ़ा दिया है। यह संकेत है कि जापान भी अब खुद को सामरिक दृष्टि से मजबूत कर रहा है। चीन के हरकतों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में युद्ध की आशंका को बढ़ा दिया है। ऐसे में जापान ने चीन को जवाब देने की बजाय ली है।

जापान ने कहा कि उसकी सुरक्षा के लिए बजट बढ़ाना जरूरी है
जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कहा कि यूक्रेन में हम देख रहे हैं कि वहां क्या हो रहा है और दुनिया किस ओर जा रही है। इसलिए अपनी सुरक्षा की दृष्टि से रक्षा बजट बढ़ाना अब जरूरी हो गया है। इसलिए जापान अपनी राष्ट्रीय रक्षा नीति को बदल रहा है। जल्द ही वह अमेरिका से टॉमहॉक मिसाइल्स का सौदा भी करेगा।

ताइवान पर कब्जा चाहता है चीन
चीन अपनी विस्तारवादी नीति के चलते ताइवान और हांगकांग पर भी कब्जा करना चाहता है। हालांकि ताइवान चीन का सामना करने में सक्षम नहीं है, लेकिन उसे अमेरिका की मदद मिल रही है। यही हाल हांगकांग का भी है। अपने देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए यह दोनों देश अब चीन की जरूरत पर दो-दो हाथ करने को तैयार हैं। इस बीच आंतरिक देश भारत और जापान के साथ भी मिल सकते हैं।

फिलीपींस के साथ भी चीन का विवाद है
चीन फिलीपींस के साथ भी सीमा विवाद है। फिलीपींस और चीन की समुद्री सीमा में भी काफी विवाद है। चीन फिलीपींस वाले समुद्री इलाकों में अपने जहाजों को भेजने वाला एजेंटवे की कार्रवाई से बाज नहीं आता। वह फिलीपींस के कई क्षेत्रों में अपना हिस्सा है। इसलिए दोनों देशों के बीच तनाव व्याप्त रहता है। इसी तरह चीन नेपाल और भूटान के भी कुछ हिस्सों को अपना बना लेता है और अवैध रूप से कब्जा भी कर लेता है। वह दक्षिण कोरिया, ब्रुस, मलेशिया और वियतनाम के भी कई क्षेत्रों में अवैध घुसपैठ और कब्जा करने का प्रयास करता है। इसी तरह से भारत के संकेत, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में जुड़ रहा है। ऐसे में अब सभी देश सतर्क हो गए हैं। ऐसे में यह सभी देश एकता हो गए तो चीन की चिंता बढ़ सकती है।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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