कबीरधामछत्तीसगढ़

हमारे पूर्वज सनातनी वैदिक आर्य हिंदू थे, इसे कोई झूठा सिद्ध नहीं कर सकता : श्रीमज्जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज

जाति-धर्म पर गीता का संदर्भ – "भेद स्वभावसिद्ध, लेकिन लक्ष्य निर्भेद परमात्मा

UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा। पुरी पीठाधीश्वर, अनंतश्रीविभूषित श्रीमज्जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा कि सुसंस्कृत, सुशिक्षित, सुरक्षित, संपन्न, सेवा परायण, स्वस्थ एवं सर्वहितकारी समाज ही सच्ची राजनीति की परिभाषा है। यह विचार उन्होंने पत्रकार वार्ता के दौरान व्यक्त किए।

जाति-धर्म पर गीता का संदर्भ

जात-पात को मिटाने संबंधी प्रश्न के उत्तर में उन्होंने श्रीमद्भगवद्गीता का संदर्भ देते हुए कहा कि “जातिधर्माः कुलधर्मात शाश्वताः”, अर्थात जाति और कुल धर्म के स्वभाव और प्रभाव को ध्यान में रखकर समाज को आगे बढ़ाना चाहिए। भेद स्वभावसिद्ध है, लेकिन इसका सदुपयोग निर्भेद परमात्मा के मनोनिवेश में होना चाहिए।

हिंदू राष्ट्र अभियान – सनातन परंपरा की पुनर्स्थापना

शंकराचार्य जी ने हिंदू राष्ट्र अभियान पर जोर देते हुए कहा कि “आज से सवा तीन वर्ष पूर्व मेरे मुख से तीन बार ‘हिंदू राष्ट्र’ शब्द निकला और तब से यह अभियान चल पड़ा।” उन्होंने स्पष्ट किया कि वे केवल वही कहते हैं जो भगवान और सिद्ध ऋषि-मुनियों ने कहा है। उन्होंने कहा, “हम सभी के पूर्वज सनातनी वैदिक आर्य हिंदू थे, इसे कोई झूठा सिद्ध नहीं कर सकता।”

लोकतंत्र में सुधार की आवश्यकता

वर्तमान लोकतंत्र की खामियों पर चर्चा करते हुए उन्होंने महाभारत में मंत्रिमंडल की पारंपरिक व्यवस्था का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि प्राचीन शासन प्रणाली में—

  •  4 शिक्षाविद ब्राह्मण
  •  8 क्षत्रिय
  •  21 कृषि, गो-रक्षा एवं वाणिज्य मर्मज्ञ वैश्य
  •  3 कुटीर उद्योगों के विशेषज्ञ शूद्र
  •  1 सांस्कृतिक मंत्री (सूत)

 

मंत्रिमंडल के रूप में कार्य करते थे, जिससे शासन संतुलित और न्यायसंगत होता था।

उन्होंने वर्तमान राजनीति की आलोचना करते हुए कहा कि “आज विश्व के 204 देशों में राजनीति का स्तर इतना गिर गया है कि देशी-विदेशी कंपनियां सरकारों को ठेके पर चला रही हैं। भारत में भी 13 कंपनियां देश को नियंत्रित कर रही हैं, जिससे राजनेताओं की कमजोरी उजागर होती है।”

मोदी जी की कूटनीति से सफलता

शंकराचार्य जी ने कूटनीति के पांच भेद

  1.  नमन
  2.  मितन
  3.  दमन
  4.  अंकन
  5.  अनुगमन

का उल्लेख करते हुए कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन सभी कूटनीतियों में निपुण हैं, इसलिए वे सफलतापूर्वक शासन कर रहे हैं।”

विशेष आयोजन – हिंदू राष्ट्र संगोष्ठी

दिनांक: आज, प्रातः 11:30 बजे
स्थान: यूनियन चौक, कवर्धा
विषय: धर्म, अध्यात्म और राष्ट्र
सायं 5:00 बजे सरदार पटेल मैदान में धर्मसभा

इस दौरान पादुका पूजन एवं दीक्षा का विशेष आयोजन भी होगा। आदित्य वाहिनी संस्था द्वारा श्रोताओं के बैठने की व्यापक व्यवस्था की गई है।

 


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