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जज की कार से हुई दुर्घटना मामले में अन्य संभावित गिरफ्तारियां

नोएडा पुलिस ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। उसने बताया कि 20 से 22 साल के ये तीनों छात्र गौतमबुद्ध नगर के एक परिवार न्यायालय के जज के बेटे के दोस्त हैं और वे (तीनों ने) अपने दोस्त या उसके परिवार की अनुमति के बगावत ही यह कार ली थी।

गौतम बुद्ध नगर जिले के सेक्टर 113 थाना क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के एक जज की एक कार से एक मोटरसाइकिल से टक्कर लगने से जोमैटो के एक प्रतिनिधि की मौत के मामले में पुलिस ने तीन अलग-अलग छात्रों को किया है। नोएडा पुलिस ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। उसने बताया कि 20 से 22 साल के ये तीनों छात्र गौतमबुद्ध नगर के एक परिवार न्यायालय के जज के बेटे के दोस्त हैं और वे (तीनों ने) अपने दोस्त या उसके परिवार की अनुमति के बगावत ही यह कार ली थी। एक पुलिस अधिकारी के अनुसार इस टोयोटा कार पर ‘जिला जज’ का अलर्ट लगा था और वह इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पंजीयक के नाम पर पंजीकृत है।

अधिकारियों के अनुसार गौतमबुद्धनगर परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश मंजीत सिंह श्योराण इस कार का आधिकारिक रूप से उपयोग करते हैं। अधिकारी ने बताया कि जिन छात्रों को गिरफ्तार किया गया है उनकी पहचान नोएडा सेक्टर 62 के एक कोलाज के विधि छात्र– सुयश मिश्रा, हर्षवर्द्धन और रूबेल के रूप में हुई है और वे जज श्योराण के बेटे वैभव श्योराण के मित्र हैं। थाना प्रभारी निरीक्षक प्रमोद कुमार ने बताया कि पिछली रात करीब लदान: जब जोमाटो के प्रतिनिधि परविंदर परथला गोल चक्कर के पास थे टोयोटो कोरोला कार ने उन्हें टक्कर मार दी।

उनके अनुसार परमविंदर को बिसरख के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस के मुताबिक कार में सवार लोग गाड़ी हर हालत में दुर्घटनास्थल पर ही छोड़कर भाग गए थे। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (नोएडा) आशुतोष द्विवेदी ने कहा, ”मुख्य घटना सुयश मिश्रा दुर्घटना के समय कार चल रही थी और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।” पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि दोषी से चलकर परविंदर को टक्कर मार दी जिससे वह घायल हो गया और उसकी मृत्यु हो गई।

अधिकारी ने बताया कि मिश्रा को मिश्रा को गाजियाबाद जिले के अधिकार क्षेत्र में उसके वर्तमान आवास से गिरफ्तार किया गया है, वह मध्य प्रदेश के प्रवासी जिले का निवासी है। पुलिस के अनुसार मिश्रा को किसी से गाड़ी चलाने वाले ने किसी व्यक्ति को मौत के मुंह में छोड़ने का आरोप लगाया है, जबकि दो अन्य पर विश्वास भंग (बिना अनुमति के न्यायधीश की कार लेना) का मामला दर्ज किया गया है। सेक्टर 113 थाने में फंसे हुए भाई की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। यह मामला भादंसं की तस्वीर (लापरवाही से किसी की मौत के मुंह में छिपना) और 279 (लापरवाही से कार चलाने) का मामला दर्ज किया गया है।

सेक्टर 113 के थानाप्रभारी प्रमोद कुमार के 33 दोस्तों (न्यायाधीश के बेटे) के घर पर क्रिसमस मनाएं थे और घटना के दिन वे देर रात को गाजियाबाद लौट रहे थे। कुमार ने कहा, ”उन्होंने जज के परिवार को कार लेने के बारे में नहीं बताया था। रास्ते में मिश्रा गाड़ी चला रहा था और दो अन्य लोग गए थे। घटना के बाद तिकड़ी से भाग गए। मिश्रा ने पुलिस को बताया कि वे राहगीरों द्वारा पकड़ लिए जाने एवं पीटने के डर से ऐसा किया। बिसरख के थाना प्रभार अनिल कुमार राजपूत ने बताया कि हर्षवर्द्धन और रूबेल को गाजियाबाद में उनका निवास से पकड़ा गया और उन पर भादंसं की धारा 406 के तहत मामला दर्ज किया गया।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



 


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