
UNITED NEWS OF ASIA. छत्तीसगढ़ | जिले के सरायपाली ब्लॉक स्थित रिसेकेला धान खरीदी केंद्र में करोड़ों रुपये के गबन का मामला उजागर हुआ है। ऑनलाइन रिकॉर्ड में जहां 12,077 बोरी धान का उल्लेख किया गया था, वहीं मौके पर महज 700 बोरी धान पाई गई। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर 11,377 बोरी धान कहां गई?
जानकारी के मुताबिक, इस बार तीन प्रभारियों के अधीन धान की खरीदी की गई थी। जब अंतिम स्टॉक का मिलान किया गया, तो यह बड़ा घोटाला सामने आया। इस संदिग्ध गड़बड़ी के बाद कर्मचारियों पर मिलीभगत का आरोप लगाया जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक, इस पूरे मामले को लेकर कर्मचारियों ने अपना पल्ला झाड़ लिया और किसी ने भी गड़बड़ी के लिए जिम्मेदारी नहीं ली।
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने जांच के आदेश दिए हैं। कलेक्टर ने कहा, “यह गड़बड़ी अन्य धान खरीदी केंद्रों में भी हो सकती है। हम मार्कफेड और खाद्य विभाग की टीम को निर्देश देंगे कि अगर किसी केंद्र में भी गंभीर शॉर्टेज या बोगस खरीदी की समस्या है, तो संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ की जाए। गड़बड़ी पाए जाने पर एफआईआर की कार्रवाई की जाएगी।”
यह मामला जिले के धान खरीद केंद्रों में वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर रहा है, और अब तक की जांच से यह साफ हुआ है कि कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से यह गड़बड़ी हुई है। अब देखना यह है कि कलेक्टर के निर्देशों के बाद कितनी जल्दी इस मामले में कार्रवाई होती है।



- लेटेस्ट न्यूज़ पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
- विडियो ख़बरें देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
- डार्क सीक्रेट्स की ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
- UNA विश्लेषण की ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें