महाराष्ट्र में प्याज की कीमतें: महाराष्ट्र विधान परिषद में संबंधित के नेता अंबादास दानवे की प्याज की गिरती संकेत पर चर्चा की मांग के बाद मंगलवार को विधान परिषद की कार्यवाही के दिन भर के लिए कार्रवाई कर दी गई। स्थगन का अर्थ है कि परिषद पृष्ठ एकनाथ शिंदे के उपाध्यक्ष को लिखित पत्र पर तुरंत कार्रवाई नहीं कर सका। इस पत्र में मांग की गई है कि विप्लव गोपीकिशन बाजोरिया को उच्च सदनों में बीजेपी का मुख्य कार्यकर्ता बनाया जाए।
वर्तमान में बीजेपी (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के विधान पार्षद (एमएलसी) अखिल परब बीजेपी में पार्टी के मुख्य अवाकक हैं। डानवे घोटाले से हैं जो प्याज की बढ़ते देखते हुए मुद्दों पर ऊपरी सदन में चर्चा की मांग की, लेकिन उपराष्ट्रपति नीलम गोरे ने इस पर चर्चा से इनकार कर दिया जिसके बाद सत्य एवं विरोधी पक्षों की राय में राय हुई और उन्होंने एक दूसरे पर आरोप लगाया अनुमान।
राज्य में कमजोर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-शिंदे खेमे के पास वर्तमान में उच्च बहुमत में बहुमत नहीं है। गोरे भी ठाकरे ब्लॉक से ही हैं। वे पहले ऊपरी सदन को दो बार प्रक्षेपित करते थे, लेकिन बाद में भी वे सत्ता पर बने रहते थे और एक दिन के लिए वे सदन की कार्यवाही के लिए जीवित रहते थे।
प्याज की खेती करने वाले नाराज किसान
महाराष्ट्र के लासलगांव कृषि उत्पाद बाजार समिति (एपीएमसी) में प्याज के संकेत में लगातार गिरावट से नाराज किसानों ने सोमवार को प्याज की नीलामी रोक दी। APMC, एशिया के सबसे बड़े प्याज़ बनते हैं। प्याज की प्रति किलो कीमत दो से चार रुपये प्रति किलो रह गई है, जिससे किसान नाराज हैं। प्याज़ रैप के एक प्रतिनिधि ने कहा कि सरकार को तुरंत 1,500 रुपये प्रति क्विंटल प्याज का अनुदान देना चाहिए। उसी साथ उनकी भविष्यवाणी को 15 रुपये से 20 रुपये प्रति किलोग्राम पर खरीदा जाना चाहिए, अन्यथा वे नासिक जिले के लासलगांव एपीएमसी में नीलामी फिर से शुरू नहीं होने देंगे।
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