औपचारिक रूप से, कांग्रेस सांसद की एक बैठक में यह प्रस्ताव रखा गया था। इसके अलावा, इसने कहा कि कांग्रेस अन्य पार्टियों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा कर रही है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई क्यों कर रही है।
31 दिसंबर से 25 सदस्यीय गुटनिरपेक्षता के बाद दोषी दल लामबंद दिखाई दे रहे हैं। विरोधी दल जबर्दस्त तरीके से बीजेपी और केंद्र सरकार पर हमलावर हैं। कांग्रेस इसे लेकर आर-पार के मूड में नजर आ रही है। इन बसों के बीच कांग्रेस ने शुक्रवार के सभापति ओम बिरला के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए विपक्षी दलों से बात करने की योजना बनाई है। औपचारिक रूप से, कांग्रेस सांसद की एक बैठक में यह प्रस्ताव रखा गया था। इसके अलावा, इसने कहा कि कांग्रेस अन्य पार्टियों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा कर रही है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई क्यों कर रही है।
आज की खबर जो आ रही है उसके विपक्षी दल के अनुसार सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष के खिलाफ यानी कि 3 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव पेश कर सकते हैं। अविश्वास प्रस्ताव आने के लिए 50 सदस्यों का समर्थन होना चाहिए। सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्षी नेताओं की मीटिंग बुलाई। पार्टी के ‘लोकतंत्र को बचाने’ के महीने भर के कार्यक्रम की घोषणा करते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने मंगलवार को कहा कि बीजेपी ठाकरे की सहित बीजेपी 19 विपक्षी दल कांग्रेस के साथ हैं।
आपको बता दें कि 2019 के मानहानि मामले में राहुल गांधी की सजा ने विरोधी पार्टियों को एक साथ ला दिया क्योंकि गैर-कांग्रेसी पार्टियों ने सजा को ‘राजनीति से प्रेरित’ बताया है। सजा के तुरंत बाद, राहुल गांधी को 19 दिसंबर से अयोग्य घोषित कर दिया गया। इसी के बाद एकता दिखाई दे रही है। हालांकि कांग्रेस ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव लड़ने की कोई बातचीत नहीं हुई क्योंकि ‘लोकतंत्र को बचाना’ प्राथमिक उद्देश्य है।