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थाईलैंड आम चुनाव: मतगणना के शुरुआती रूझानों में विपक्षी दल आगे

अब तक 20 प्रतिशत वोटों की गिनती हो चुकी है, जिसमें फेयु थाई पार्टी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा के लिए 22 प्रतिशत वोटों की संख्या बढ़ा रही है। वह आनुपातिक प्रतिनिधित्व के माध्यम से सीनेट के लिए फिर 100 सदस्यों के लिए एक अलग राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण में 21 प्रतिशत सदस्यों के साथ आगे जाता है।

थाइलैंड में रविवार को होने वाली आम चुनावों की मतगणना की शुरुआत रूझानों में मुख्य विरोधी दल बढ़ा रहे हैं। यह 2014 के तख्तापलट के जरिए मौजूदा प्रधानमंत्री प्रयुत चान-ओचा के सत्ता में आने के नौ साल बाद बदलाव के एक अहम के रूप में देखा जा रहा है। अब तक 20 प्रतिशत वोटों की गिनती हो चुकी है, जिसमें फेयु थाई पार्टी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा के लिए 22 प्रतिशत वोटों की संख्या बढ़ा रही है। वह आनुपातिक प्रतिनिधित्व के माध्यम से सीनेट के लिए फिर 100 सदस्यों के लिए एक अलग राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण में 21 प्रतिशत सदस्यों के साथ आगे जाता है।

वहीं, एक अन्य विरोधी दल आगे बढ़कर फारवर्ड पार्टी दूसरे स्थान पर है। प्रयुत की यूनाइटेड थाई नेशन पार्टी प्रतिनिधि सभा के लिए सदस्यों में सात प्रतिशत वोट के साथ पांचवें स्थान पर है, लेकिन सीनेट के लिए वोट में सात प्रतिशत वोट हासिल कर तीसरे स्थान पर है। पेटोंगतार्न शिनावात्रा नीत फेयु थाई पार्टी के बारे में यह अनुमान लगाया गया है कि उसके 500 सदस्य निचले सदनों में कम से कम स्पष्ट बहुमत प्राप्त करेंगे। फिर सदन के लिए 400 सदस्य प्रत्यक्ष मतदान से चुने जाते हैं। प्रयुत एक ऐसे नेता की बेटी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं, जो सेना के धुर विरोधी हैं।

प्रयुत, अरबपति पेशेवर एवं पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनावात्रा की बेटी पेटोंगतार्न शिनावात्रा के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। शिनावात्रा 2001 से 2006 तक देश के प्रधानमंत्री थे। सेना ने 2006 में तख्तापलट कर थाकसिन को सत्ता से बेदखल कर दिया था। उनका रिश्ता यिंगलुक शिनावात्रा 2011 में प्रधान मंत्री बने थे, लेकिन प्रयुत की धोखा में तख्तापलट कर उन्हें सत्ता से हटा दिया गया था। स्थानीय समय के अनुसार शाम पांच बजे मतदान शुरू हो गया। पेटोंगतार्न ने अपने मताधिकार का उपयोग करने के बाद कहा कि थाईलैंड में प्रभावकारी बदलाव के लिए प्रत्येक वोट महत्वपूर्ण है और उन्हें अंतिम सम्मिलन से काफी उम्मीद है।

हालांकि, अगली सरकार का नेतृत्व कौन करेगा, यह केवल रविवार के मतदान के आधार पर तय नहीं होगा। जुलाई में प्रधानमंत्री के निचले सदन और 250 सदस्यीय सीनेट की संयुक्त बैठक होगी। विजेता को कम से कम 376 वोट प्राप्त होंगे और किसी भी पार्टी के केवल दम पर ऐसा करने की संभावना नहीं है। फेयु थाई पार्टी ने 2019 के चुनाव में सबसे अधिक सीट आवंटन किया था, लेकिन उनके चिर प्रतिद्वंद्वी और सेना समर्थित पलांग प्रचार पार्टी ने प्रयुत के साथ गठबंधन किया था। प्रयुत दोबारा चुनाव लड़ रहे हैं।

हालांकि, इस बार सेना का समर्थन दो दलों के विरोध में बंट गया है। प्रयुत को यूनाइटेड थाई नेशन पार्टी और उपप्रधान मंत्री प्रवित वोंगसुवान का समर्थन प्राप्त है, जो एक पूर्व जनरल हैं। प्रवित, पलंग प्रचार पार्टी के शीर्ष नेता हैं। प्रधान मंत्री प्रयुत पर लड़खड़ाती उद्योग, रणनीति से निपटने में विवाद और डेमोक्रेटिक सुधारों को विफल करने का आरोप है। विस्कॉन्सिन विश्वविद्यालय में थाई अध्ययन के विशेषज्ञ टायरेल हेबरकोर्न ने कहा, ”युवा अटैचमेंट की संख्या में वृद्धि और सैन्य शासन से हुए नुकसान को लेकर आम जागरूकता इस चुनाव के निर्धारण में अहम साबित हो सकते हैं।” उन्होंने कहा, ” नौ साल के सैन्य शासन के बाद लोग बदलाव के लिए तैयार हैं…।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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