लेटेस्ट न्यूज़

OpenAI Chatboat ChatGPT इन देशों में बैन है, जानिए क्या है इसकी वजह। इन देशों में ChatGPT पर लगा बैन, जानिए क्या है इसकी वजह

छवि स्रोत: CANVA
ChatGPT पर कई देशों ने बैन लगाया

चैटजीपीटी: एक ओर चैटजीपीटी दुनिया भर के देशों में छाया हुआ है। वहीं, दूसरी ओर कुछ देशों में इस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने चैटबॉट को चैट करने का सामना कर रहा है। हाल ही में इटली की डेटा सुरक्षा दस्तावेजों में गोपनीयता से संबंधित दस्तावेजों का उल्लेख करते हुए OpenAI के ChatGPT पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। हालांकि, सूची में इटली के अलावा कई और देश हैं, जहां चैटजीपीटी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। आइए जानते हैं ये कौन-से देश हैं।

चीन

चीन को लगता है कि अमेरिका इस चैटबॉट का इस्तेमाल नकली सूचनाओं को फैलाने और ग्लोबल नेरेटिव्स को प्रभावित करने के लिए कर सकता है। विदेशी वेबसाइटों और ऐप के खिलाफ अपनी सख्त शर्तों के तहत चीन ने ChatGPT को बैन कर दिया है।

रूस

रूस भी चैट को लेकर गलत इस्तेमाल को लेकर चिंतित है। इसके अलावा, पश्चिमी देशों से रूस के संबंध कुछ ज्यादा अच्छे नहीं हैं। ऐसे में रूस के डर है कि चैटजीपीटी देश में किसी नैरेटिव के लोगों के जरिए को भड़काने का काम कर सकता है।

ईरान

ईरान की सरकार कई वेबसाइटों और सेवाओं के ऐक्सेस पर पैनी नजर रखता है विज़िट्रेट करता है। वहीं, परमाणु समझौते को लेकर ईरान और अमेरिका के बीच संबंध में खटास आ गया है। इन्हीं सब कारणों से राजनीतिक तनाव के कारण अमेरिका का चैटजीपीटी ईरान में भी प्रतिबंध है।

उत्तर कोरिया

उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन ने देश में इंटरनेट के इस्तेमाल को लेकर काफी सख्ती बरती है। सरकारी देश नागरिकों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर है। इतनी सख्ती में उत्तर कोरियाई सरकार ने भी इस एआई चैटबॉट पर रोक लगा दी है।

क्यूबा

क्यूबा में भी सरकार सख्ती से इंटरनेट एक्टिविटी कंट्रोल करती है। इस कारण से यहां कई अन्य वेबसाइटों सहित चैटजीपीटी सहित पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।

सीरिया

सीरिया में इंटरनेट सेंसरशिप कानून के तहत सरकार इंटरनेट ट्रैफ़िक पर गुप्त रूप से नज़र रखती है। गलत जानकारी की वजह से सीरिया से पहले ही कई परेशानियों का सामना कर रहा है। ऐसे जोखिमों को और बढ़ाने के लिए सरकार ने यहां ChatGPT पर प्रतिबंध लगाया है।

function loadFacebookScript(){
!function (f, b, e, v, n, t, s) {
if (f.fbq)
return;
n = f.fbq = function () {
n.callMethod ? n.callMethod.apply(n, arguments) : n.queue.push(arguments);
};
if (!f._fbq)
f._fbq = n;
n.push = n;
n.loaded = !0;
n.version = ‘2.0’;
n.queue = [];
t = b.createElement(e);
t.async = !0;
t.src = v;
s = b.getElementsByTagName(e)[0];
s.parentNode.insertBefore(t, s);
}(window, document, ‘script’, ‘//connect.facebook.net/en_US/fbevents.js’);
fbq(‘init’, ‘1684841475119151’);
fbq(‘track’, “PageView”);
}

window.addEventListener(‘load’, (event) => {
setTimeout(function(){
loadFacebookScript();
}, 7000);
});

Show More
Back to top button

You cannot copy content of this page