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कभी कन्या भ्रूण हत्या के लिए कुख्यात हरियाणा अब हर लड़की के जन्म पर जश्न मनाता है : खट्टर

हरियाणा की खूबसूरत लाल खट्टर ने कहा है कि कभी कन्या भ्रूण हत्या के लिए कुख्यात रहा यह राज्य अब हर लड़की के जन्म पर हर्ष मनाता है और आज प्रदेश में प्रत्येक 1,000 लड़कों पर 923 लड़कियां हैं।

चंडीगढ़। हरियाणा की खूबसूरत लाल खट्टर ने कहा है कि कभी कन्या भ्रूण हत्या के लिए कुख्यात रहा यह राज्य अब हर लड़की के जन्म पर हर्ष मनाता है और आज प्रदेश में प्रत्येक 1,000 लड़कों पर 923 लड़कियां हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 22 जनवरी 2015 को पानीपत में शुरू किए गए ”बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान के कारण संभव हुआ।

खट्टर ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम में कहा, ”राज्य सरकार, सामाजिक संगठन, खाप पंचायतें, एनजीओ और शिक्षा, महिला और बाल विकास तथा स्वास्थ्य आतंकवादी ने हरियाणा में लैंगिक अनुपात सुधार में निरंतर प्रयास किए हैं। इसके अलावा पुलिस ने कन्या भ्रूण हत्या में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की।” उन्होंने कहा, ”इन्हीं प्रयासों के कारण ही आज हरियाणा में प्रत्येक 1,000 लड़कों पर 923 लड़कियां हैं। 2014 में हर 1,000 लड़कों पर 871 लड़कियां थीं।” उन्होंने कहा कि कभी कन्या भ्रूण हत्या के लिए कुख्यात रहा हरियाणा अब हर लड़की के जन्म पर खुशी मनाता है। करनाल में राज्य स्तरीय ”सम्मान समारोह” में पात्र ने शिक्षा, संस्कृति, संरक्षण, गायन, औषधि, समाज कल्याण, खेलकूद, विमानन और पर्वतारोहण जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाली महिलाओं को सम्मानित किया।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, उन्होंने फतेहाबाद, अंबाला और जींद में यौन अनुपात में सुधार लाने के लिए इन विदेशी के उपायुक्तों को नकद पुरस्कार भी दिए। खट्टर ने कहा कि राज्य की पुलिस बल में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 2014 के छह प्रतिशत के मामले में आज बढ़ कर 10 प्रतिशत हो गया है तथा आने वाले वर्षों में इसे 15 प्रतिशत करने का लक्ष्य है।

उन्होंने कहा, ”वे कहते हैं कि हर सफल व्यक्ति के पीछे एक और हाथ होता है। मेरी मां ने मेरी सफलता में बड़ी भूमिका निभाई है।’ निशाने के लिए उन्हें 300 रुपये दिए गए। खट्टर ने कहा, ”मैं अपनी सफलता अपनी मां को समर्पित करता हूं। अगर वह मुझे आगे पढ़ने के लिए पैसा नहीं देता तो शायद मैं इस पद तक नहीं पहुंच पाता।” उन्होंने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को ”महिला सम्मान दिवस” के रूप में मनाना चाहिए।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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