
एएनआई
कांग्रेस सांसद ने कहा कि अडानी मामले में जांच के लिए किस समिति का गठन हुआ है वे अडानी से सवाल करेंगे। उन्होंने कहा कि हम जो सवाल कर रहे हैं वे प्रधानमंत्री से कर रहे हैं। ये सवाल सुप्रीम कोर्ट की कमेटी मेरी नहीं, उनकी हिम्मत भी नहीं होगी।
अडानी मुद्दों को लेकर कई जबरदस्त तरीके से सरकार पर हमलवार है। कांग्रेस सहित सभी विरोधी दल इस मुद्दे को लेकर जेपीसी की मांग कर रहे हैं। इसी को लेकर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने एक संवाददाता सम्मेलन किया है। अपने बयानों में कांग्रेस नेता ने कहा कि जेपीसी का गठन 1992 में हुआ था जब कांग्रेस सरकार सत्ता में थी, इसका गठन 2001 में टैग सरकार के दौरान भी हुआ था। दोनों शेयर बाजार में घोटाले हुए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यह घोटाला केवल शेयर बाजार तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह प्रधानमंत्री मोदी और सरकार के पक्षधर और मित्र भी हैं। रमेश ने कहा कि हम यह नहीं कह रहे हैं कि ‘अदानी जी साइलेंस तोडिये’। हम कह रहे हैं ‘मोदी जी साइलेंस तोडिय़े।’
कांग्रेस सांसद ने कहा कि अडानी मामले में जांच के लिए किस समिति का गठन हुआ है वे अडानी से सवाल करेंगे। उन्होंने कहा कि हम जो सवाल कर रहे हैं वे प्रधानमंत्री से कर रहे हैं। ये सवाल सुप्रीम कोर्ट की कमेटी मेरी नहीं, उनकी हिम्मत भी नहीं होगी। ये सिर्फ जेपीसी में ही उठाया जा सकता है। आपको बता दें कि संसद में यह मामला काफी गर्म है। इस मुद्दे को लेकर संसद में भारी बोझ भी पड़ रहा है। मंगलवार को कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने अडाणी समूह के मामले की जांच के लिए संयुक्त प्रस्ताव समिति (जेपीसी) की मांग करते हुए संसद भवन की पहली मंजिल के लिए प्रदर्शन किया था।
इससे पहले पार्टी के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने यह भी कहा कि ‘शाह और शहंशाह’ को समझ लेना चाहिए कि वह दोनों लोकतंत्र के मालिक नहीं हैं। उन्होंने दस्तावेजों से कहा कि यह बात शाह और शाहंशाह दोनों जानते हैं कि राहुल गांधी जोक नहीं मांगेंगे… आप दोनों दुर्घटना के अधिकार में हैं, मालिक मालिक नहीं हैं। आप अपने मानक को नुकसान पहुंचाते हैं, मकान मालिक बनने की कोशिश करते हैं।”
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