कर्नाटक में श्री रामनवमी के सार्वजनिक स्थानों पर शरबत और कोसाम्बरी परोसने की सदियों पुरानी परंपरा कायम है, जिससे कई सामाजिक-धार्मिक संगठन शहर के अलग-अलग हिस्सों में प्रसाद वितरण पंडाल स्थापित करने लगे हैं।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव होने में केवल कुछ हफ्ते शेष हैं और राजनीतिक दल कोई अवसर हाथ से नहीं जाना चाहते। इसकी एक बनगी बृहस्पतिवार को रामनवमी के रुख पर देखने को मिली जब राजनीतिक दलों के समझौते को रिझाने के लिए बाक काउंटर काउंटर अधिकार ‘शरबत’ परोसते दिखे। कर्नाटक में श्री रामनवमी के सार्वजनिक स्थानों पर शरबत और कोसाम्बरी परोसने की सदियों पुरानी परंपरा कायम है, जिससे कई सामाजिक-धार्मिक संगठन शहर के अलग-अलग हिस्सों में प्रसाद वितरण पंडाल स्थापित करने लगे हैं।
सबसे रोचक बात यह रही कि इस बार प्रसाद के पंडाल और शरबत के काउंटर राजनीतिक दलों की ओर से भी लगाए गए। राज्य में आचार संहिता लागू हो जाने के कारण राजनीतिक दलों ने काउंटर पर अपनी पार्टी के झंडे तो नहीं लगाए थे, लेकिन इस बात के पर्याप्त संकेत दिए गए हैं कि वे किस पार्टी के हैं। यहां अन्य तरह के झंडे और तोरण थे, किन लोगों को संकेत दिया कि इन पंडालों के पीछे के राजनीतिक दल कौन हैं। थुराहल्ली में एक पंडाल में भगवा झंडा लगा था जिस पर गेंदे के फूल की आकृति बनी हुई थी, जबकि इससे बमुश्किल 50 मीटर की दूरी पर दूसरा तोरण बना था जिसे आम के ‘हरे’ पत्ते से बनाया गया था। लोगों ने कहा कि पहली तोरण भाजपा का और दूसरा तोरण कांग्रेस का था।
अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।