9 मई को इमरान खान की पार्टी के स्मारकों में लाहौर कोर कमांडर हाउस, मियांवाली एयरबेस और निर्णयबाद में आई कमिश्नर भवन शामिल थे। रावलपिंडी में सेना मुख्यालय (जीएचक्यू) पर भी भीड़ ने हमला कर दिया।
पाकिस्तान सेना ने 9 मई को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ सैन्य हमले के दौरान हिंसक विरोध प्रदर्शन करते हुए सैन्य सुरक्षा में असफल रहने के लिए एक लेफ्टिनेंट-जनरल समेत तीन अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, सेना ने कहा कि स्व-जवाबदेही प्रक्रिया के तहत कई उच्च रैंकिंग अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। सैन्य प्रवक्ता मेजर जनरल अरशद शरीफ ने कहा कि सेना ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के खिलाफ दो बार जांच और कार्रवाई की।
9 मई को इमरान खान की पार्टी के स्मारकों में लाहौर कोर कमांडर हाउस, मियांवाली एयरबेस और निर्णयबाद में आई कमिश्नर भवन शामिल थे। रावलपिंडी में सेना मुख्यालय (जीएचक्यू) पर भी भीड़ ने हमला कर दिया। सेना ने कहा कि पूछताछ के दौरान लोगों पर ध्यान दिया गया, गैरीसन, सैन्य कर्मियों, जिन्ना हाउस और जनरल मुख्यालय की सुरक्षा और सम्मान को बरकरार रखने में असफल रहे। एक लेफ्टिनेंट-जनरल सहित तीन अधिकारियों को हटा दिया गया है और तीन प्रमुख जनरलों और सात ब्रिगेडियर सहित अन्य अधिकारियों को प्रतिबंधित अनुशासनात्मक आपराधिक कृत्यों को समाप्त कर दिया गया है।
मेजर जनरल अरशद सरफराज ने एक मशाल सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, (9 मई की हिंसा में) सभी लोगों को संविधान और कानून के तहत शामिल किया जाएगा। उन्होंने विरोध प्रदर्शन को बेहद निराशाजनक, निन्दनीय और हमारे देश के इतिहास के एक काले अध्याय में बताया।