माघ मेला के तृतीय स्नान पर्व मौनी अमावस्या 21 जनवरी को मनाया जा रहा है। इस दिन प्रयागराज में गंगा और संगम के तट पर 1.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था पर जोर लगाते हुए छलांग लगाई है। मौनी अमावस्या और शनि अमावस्या का महायोग होने के कारण शुक्रवार से ही भारी संख्या में कर्मचारी मेला क्षेत्र में आने वाले थे।
प्रयागराज। माघ मेला के तृतीय स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर शनिवार को डेढ़ करोड़ लोगों ने गंगा और संगम में प्रवेश किया। इस बीच, फेयर एडमिनिस्ट्रेशन ने हेलीकॉप्टर से मॉक-संतों और सम्मानों पर पुष्प वर्षा की। मौनी अमावस्या और शनि अमावस्या का महायोग होने के कारण शुक्रवार से ही भारी संख्या में कर्मचारी मेला क्षेत्र में आने वाले थे। प्रयागराज के मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने बताया कि शुक्रवार रात 12 बजे से शनिवार दोपहर 12 बजे तक करोड़ों श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में स्नान किया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (माघ मेला) राजीव नारायण मिश्र ने बताया कि मेले की सुरक्षा में 5,000 से अधिक कर्मियों पर रोक लगा दी गई है, जिसमें नागरिक पुलिस, महिला पुलिस, सवार पुलिस, एलआईयू की टीम, खुफिया विभाग के अधिकारी, राज्य आपदा मोचन बल ( स्टेटिक रेक), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडी फ्रीज), जल पुलिस आदि के कर्मी शामिल हैं। मेल में ‘रिवर एंबुलेंस’ और ‘फ्लोटिंग’ (पानी में तैरती) पुलिस चौकी की भी व्यवस्था की गई है।
उन्होंने बताया कि साइट प्रौद्योगिकी, शरीर पर धारण करने योग्य तकनीक और ड्रोन तकनीक से लोगों पर नजर रखी जा रही है। मौनी अमावस्या पर मेले में आए प्रमुख संतों-ज्योतिष पादाधीश्वर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, द्वारिका शारदा पाद्याधीश्वर स्वामी सदानंद, सुमेरू पाद्याधीश्वर स्वामींद्रानंद सरस्वती, किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर कौशल्या नंद गिरि आदि शामिल हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश के उप केशव प्रसाद मौर्य ने भी शनिवार सुबह संगम में चढ़ते हुए।
शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद ने बताया कि प्रयागराज में विशेष मौनी अमावस्या पर मौन संगम में स्नान करने से मन के पाप नष्ट हो जाते हैं और इस बार मौनी अमावस्या पर शनि अमावस्या का महायोग होने से गंगा स्नान फल होता है। माघ मेले का अगला स्नान 26 जनवरी को बसंत पंचमी, पांच फरवरी को माघी पूर्णिमा और 18 फरवरी को महाशिवरात्रि पर आएगा, जिसके साथ माघ मेला मिलेगा।
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