
जदयू संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा
बिहार की राजनीति में पिछले 2-3 दिनों से बड़ी ही हलचल मची हुई है। अनुमान लगाया जा रहा है कि पार्टी से नाराज चल रहे हैं जदयू जिला बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा जदयू छोड़ सकते हैं और भाजपा में शामिल हो सकते हैं। इन अटकलों पर अब खुद उपेंद्र कुशवाहा ने बयान दिया है। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, “बीजेपी के नेताओं से मिलने का मतलब यह नहीं है कि मैं भाजपा में शामिल होने जा रहा हूं। ये सब निराधार अफवाहें हैं। मैं उन्हें अस्पताल में मिला, इसकी राजनीतिकरण करने की जरूरत नहीं है। , जदयू कमजोर हो रहा है लेकिन मैं इसे मजबूत करने के लिए काम करता रहता हूं।”
बोले- पार्टी में आते-जाते रहते हैं
उपेंद्र कुशवाहा के बीजेपी में जाने की अटकलों पर निकु कुमार ने कहा है कि वो पार्टी में आते-जाते रहते हैं। उपेंद्र कुशवाहा ने हाल के दिनों में कुछ ऐसे बयान दिए हैं जिससे साफ-साफ लग रहा है कि जेडीयू और उनकी दूरियां बढ़ गई हैं। कुशवाहा की जेडीयू से दूर का संकेत निकुंक कुमार के कंजेशन लगाया जा सकता है। निकुश से जब कुशवाहा को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने ये कहा कर चौंका दिया कि वो आते-जाते रहते हैं।
कुशवाहा की निराशा के ये हैं फैक्टर
अब आप वो कारण स्टेटमेंट हैं जो उपेंद्र कुशवाहा के जेडीयू रिटर्न का फैक्टर हो सकते हैं। कुशावाहा जेडीयू से नाराज चल रहे हैं। नाराज़गी के 2 बड़े वज़ेंज़ हैं। ये पहली वजह है कि उन्होंने अपनी पार्टी रालोसपा का जदयू में विलय किया तो उन्हें जदयू मंडल बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया, लेकिन संगठन में उनकी ज्यादा चलती नहीं है। दूसरी बड़ी वजह यह है कि वो बिहार की महागठबंधन सरकार में डिप्टी सीएम या मंत्री पद चाहते थे, लेकिन उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया।



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