“गुरु साक्षात् परम सत्य हैं”: डॉ. अग्रवाल
विधायक डॉ. अग्रवाल ने कहा—
“गुरु केवल शिक्षक नहीं, जीवन के वास्तविक पथप्रदर्शक होते हैं। गुरु ही वह दीपक हैं जो अज्ञान के अंधकार में भी प्रकाश फैलाते हैं।”

उन्होंने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए यह दोहा भी समर्पित किया:
“गुरु बिन ज्ञान न उपजे, गुरु बिन जग अंधियार।
दीपक बन गुरु जलत हैं, मिट जाए संदेह-तार।।”
भक्ति, सत्संग और गुरु वंदना से गूंजा वातावरण
ग्राम अनसुला में आयोजित गुरु पूर्णिमा महोत्सव में सैकड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही। सत्संग, भजन और गुरु वंदना से वातावरण भक्तिमय हो उठा। संत श्री सियाराम दास जी ने अपने प्रवचनों में जीवन, सेवा और आत्मज्ञान के गूढ़ रहस्यों पर प्रकाश डालते हुए शिष्यों को सकारात्मक जीवन जीने का संदेश दिया।
“गुरु के बिना कोई भी ज्ञान संभव नहीं”
डॉ. संपत अग्रवाल ने कहा कि यह केवल एक औपचारिक दौरा नहीं था, बल्कि उनके गुरु भक्ति और आध्यात्मिक झुकाव की सार्वजनिक अभिव्यक्ति थी। उन्होंने कहा—
“गुरु पूर्णिमा केवल पर्व नहीं, आत्मा की चेतना को जगाने का दिन है। जो जीवन को दिशा देता है, वही सच्चा गुरु होता है।”
जनमानस में बना श्रद्धा का संदेश
विधायक डॉ. अग्रवाल की इस पहल ने जनमानस को यह संदेश दिया कि राजनीति केवल प्रशासन नहीं, बल्कि संस्कृति, अध्यात्म और समाज के प्रति संवेदनशीलता से जुड़ी जिम्मेदारी भी है। उनका यह कदम आध्यात्मिक और सामाजिक संतुलन को दर्शाता है।
गुरु पूर्णिमा पर श्रद्धा, सेवा और आत्मिक समर्पण का यह संगम न केवल विधायक डॉ. अग्रवाल के व्यक्तित्व को उभारता है, बल्कि समाज को गुरु परंपरा के महत्व की पुनः स्मृति भी कराता है।
“गुरु का आशीर्वाद वह अमृत है, जो जीवन को सफल बनाता है।”