
रूपेश कुमार/गुमला। झारखंड की धुंध में इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक एंबुलेंस चालक देर रात गुमला-रांची मुख्य मार्ग पर शव को गाड़ी से फेंक दिया और परिजनों को छोड़ कर बिराद हो गया। इसके बाद महिला और एक बच्चा पूरी रात शव के साथ सुनसान सड़क पर बैठे रहे। सुबह होने पर सड़क के किनारे सफेद कपड़ों में शरीर के करीब महिला और बच्चे को विलाप करते देखते राहगीर रुकने लगते हैं, लेकिन महिला व बच्चे कुछ की स्थिति में नहीं बताते।
सुबह अपने पिता के शव को ढूंढते हुए जंजीर का बेटा देवबल लोहरा पहुंचें। उसने बताया कि वो बसिया प्रखंड के टांगरा बंधाई टोली का रहने वाला है। उनके 70 साल के पिता मोहन लोहारा बिहार के जहानाबाद में ईंट-भट्ठे पर काम करते थे। वहां 11 हजार केवी तार की चपेट में आने से उनकी मौत हो गई थी। सिसई प्रखंड के लेकेया निवासी दलाल बसंती देवी अपने पिता को वहां काम के लिए ले गई थीं। उसने ही उन्हें फोन कर उनके पिता की मौत की सूचना दी।
वहीं, बसंती देवी ने बताया कि शव को एंबुलेंस से गांव भेजा जा रहा था, लेकिन एंबुलेंस चालक सिसई थाना क्षेत्र के रेडवा पुल के नजदीक उसे सड़क पर फेंक कर भाग गया। हालांकि, वो लगातार टेलीफोन पर बताते हुए अलग-अलग जगह बता रहे थे। लैंडिंग रात भर शव को खोजते-खोजते सुबह हो गए।
देवबल लोहारा ने कहा कि उनके पिता की मृत्यु और शव से संबंधित किसी प्रकार का दस्तावेज नहीं मिला है। उन्होंने जिला प्रशासन से जांच करने व मुआवजे की मांग की है।
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पहले प्रकाशित : 26 अप्रैल, 2023, 10:21 IST
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