
UNITED NEWS OF ASIA. ग्वालियर | शहर में अपराध और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए पुलिस ने बड़ा कदम उठाया है। ग्वालियर पुलिस ने ‘माइक्रोबीट सिस्टम’ लागू कर दिया है, जिससे अपराध घटित होने पर जिम्मेदार अधिकारी तुरंत कार्रवाई कर सकें। इसके तहत आरक्षक, प्रधान आरक्षक, एसआई और एएसआई को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं, जिससे वारंट तामिली से लेकर घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित होगी। साथ ही, शहर में माइक्रो पेट्रोलिंग भी शुरू की गई है, जिससे अब पुलिस हर गली-मोहल्ले तक मुस्तैद रहेगी।
कैसे काम करेगा ‘माइक्रोबीट सिस्टम’?
- प्रत्येक थाना क्षेत्र को छोटे-छोटे माइक्रोबीट में बांटा गया है, जिसमें प्रमुख जिम्मेदारी प्रधान आरक्षक और आरक्षकों की होगी।
- 107 सब बीट और 1073 माइक्रोबीट बनाई गई हैं, जिनकी जिम्मेदारी एसआई और एएसआई संभालेंगे।
- अब हर पुलिसकर्मी का 100 से 200 मीटर का क्षेत्र तय होगा, जिससे उनकी जिम्मेदारी स्पष्ट होगी और वे अपने इलाके में पूरी तरह से सक्रिय रहेंगे।
थाना प्रभारियों का कार्य होगा आसान
एसपी धर्मवीर सिंह ने बताया कि इस सिस्टम से थानों का कार्य आसान होगा और अपराधों की रोकथाम तेज होगी।
- माइक्रोबीट सिस्टम से पुलिस का लोकल नेटवर्क मजबूत होगा।
- जिम्मेदारियां तय होने से अपराधी अपने क्षेत्र से दूर भागने को मजबूर होंगे।
- पुलिसकर्मी अवैध गतिविधियों, नशे के कारोबार और असामाजिक तत्वों पर प्रभावी कार्रवाई कर सकेंगे।
आम जनता को भी मिलेगा सीधा फायदा
- बदमाशों पर पुलिस की पकड़ और मजबूत होगी।
- हर इलाके में पुलिस की मौजूदगी से अपराधियों में खौफ पैदा होगा।
- गांजा, स्मैक और अन्य अवैध गतिविधियों पर रोक लगेगी।
- वारदात के तुरंत बाद पुलिस मौके पर पहुंचेगी और त्वरित कार्रवाई करेगी।













