नई दिल्ली। दिल्ली स्थित नेहरू मेमोरियल का नाम बदल दिया गया है। अब नेहरू मेमोरियल को पीएम मेमोरियल के नाम से जाना जाएगा। नाम बदलने पर कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस ने कहा है कि नाम में बदलाव प्रतिशोध और सनक का नतीजा है। नेहरू संग्रहालय और पुस्तकालय को अब प्रधानमंत्री संग्रहालय और संस्था के नाम से जाना जाएगा। गुरुवार को रक्षा मंत्री विमर्श सिंह की अध्यक्षता में एक विशेष बैठक हुई, जिसमें नेहरू स्मारक का नाम बदलने के फैसले पर मुबारक लग गई।
संग्रहालय को जनता के लिए खोल दिया गया था
जरा सिंह नेहरू स्मारक और पुस्तकालय के उपाध्यक्ष हैं। वहीं, प्रधानमंत्री इसके अध्यक्ष हैं। इनमें केंद्रीय गृहमंत्री शाह, निर्मल रूप, धर्मेंद्र प्रधान, जी किशन रेड्डी, अनुराग ठाकुर सहित 29 सदस्य इस संस्था में शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016 में पीएम मोदी ने एक प्रस्ताव रखा था कि देश के सभी प्रधानमंत्रियों को तीन प्रतिमा परिसर में एक स्मारक समर्पित किया जाएगा। उसी वर्ष 25 नवंबर को एनएम एमएल की 162वीं बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। पिछले साल 21 अप्रैल को प्रधानमंत्री संग्रहालय को जनता के लिए खोल दिया गया था।
गुरुवार को रक्षा मंत्री विमर्श सिंह की अध्यक्षता में एक विशेष बैठक हुई, जिसमें नेहरू स्मारक का नाम बदलने के फैसले पर मुबारक लग गई। जरा सिंह नेहरू स्मारक और पुस्तकालय के उपाध्यक्ष हैं। वहीं, प्रधानमंत्री इसके अध्यक्ष हैं।
नेहरू स्मारक और पुस्तकालय का नाम अब प्रधानमंत्री संग्रहालय और संस्था है
क्या है पीएम मेमोरियल का इतिहास?
एडविन लुटियन की इंपीरियल कैपिटल का हिस्सा अंग्रेजी शासन में तीन मूर्ति भवन का हिस्सा था, भारत के कमांडर इन चीफ का आधिकारिक आवास था। साल 1948 में जब पंडित नेहरू देश के प्रधानमंत्री बने तो तीन प्रतिमा भवन उनका आधिकारिक आवास बन गया। पंडित नेहरू 16 साल तक इस घर में रहे और नजरिए पर उन्होंने आखिरी सांस ली। इसके बाद इस तीन मूर्ति भवन को पंडित नेहरू की याद में उन्हें समर्पित कर दिया गया और इसे पंडित नेहरू संग्रहालय और स्मृति के नाम से जाना जाने लगा।
कांग्रेस ने जजमेंट की आलोचना की
कांग्रेस ने केंद्र के इस फैसले की आलोचना की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए ट्वीट किया कि नाम में बदलाव, प्रतिशोध और नाराजगी का नतीजा है। विगत 59 वर्षों से नेहरू स्मारक और पुस्तकालय वैश्विक चमकता का अहम स्थान और किताबों की नक्काशी है। पीएम मोदी भारतीय राष्ट्र-राज्य के वास्तुकार के नाम और विरासत को विकृत, तिरस्कृत और नष्ट करने के लिए क्या नहीं करेंगे।



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