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पिछले 9 महीनों के दौरान आरबीआई (आरबीआई) ने लगातार एलओसी पर कुल 6 बार रेपो रेट दर्ज किया है। रेपो रेट में इस तरह के बाद देश के कई बड़े सरकारी और निजी साइट्स ने अपनी लेंडिंग रेट बढ़ा दी है। इसी क्रम में प्राइवेट सेक्टर के लार्ज लेंडर एक्सिस बैंक (एक्सिस बैंक) ने फंड्स की मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट्स (MCLR) को बढ़ा दिया है। एमसी रेट रेट बढ़ने के बाद अब आपको होम लोन, पर्सनल लोन और ऑटो लोन पर पहले से ज्यादा ईएमआई का भुगतान करना होगा। मिली नई व्याज 19 फरवरी से लागू हैं।
एक्सिस बैंक के संबंध में एमसी रेटिंग्स
ब्याज दरों में इस तरह के बाद अब बैंक ने ओवरनाइट एमसी दरों को 10 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर 8.70 पर्सेंट कर दिया है। जबकि बैंक ने 1 महीने की एमसी रेट को बढ़ाकर 8.70 परसेंट और 3 महीने की एमसी रेट को बढ़ाकर 8.80 परसेंट कर दिया है। इसके अलावा एक्सिस बैंक ने 6 महीने की एमसी रेट को बढ़ाकर 8.85 पर्सेंट कर दिया, जबकि 1 साल की एमसी रेट को बढ़ाकर बैंक में 8.90 पर्सेंट कर दिया।
इसे एमसीएलआर रेट कहते हैं
बता दें, मार्जिनल कोस्ट ऑफ फंड्स आधारित लेंडिंग रेट्स (MCLR) वह न्यूनतम दर है जिस पर बैंक आपके ग्राहकों को लोन दे सकता है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अलग-अलग तरह के लोन के ब्याज को डिससाइड करने के लिए साल 2016 में एमसी ऑल रेट की शुरुआत की थी। एमसी रेटिंग के बढ़ने या घटने से ग्राहकों की ईएमआई तय होती है। यानी अगर एमसी रेट में बैंक कोई नहीं है तो आपके लोन का ब्जैक्स्केंट्प पैकेज्स जबकि अगर बैंक एमसी ब्लैक रेट में कमी करेगा तो आपके लोन का ब्याज कम हो जाएगा।