
वरिष्ठ अभिषेक सिंघवी ने कहा कि यह कदम और कुछ नहीं बल्कि भाजपा की ओर से राजनीतिक प्रतिशोध था और कांग्रेस दोषसिद्धि पर रोक लगाने की योजना बना रही है ताकि अधिमान्यता के आधार को खत्म किया जा सके।
संसद सदस्य के रूप में अविच्छिन्न घोषित किए जाने के कुछ समय बाद राहुल गांधी ने आखिरकार इस मामले के बारे में बात करते हुए कहा कि वह भारत की आवाज के लिए लड़ने के लिए कोई भी कीमत चुकाएंगे। इससे पहले एक दिन में एक संवाददाता सम्मेलन को संदेश देते हुए वरिष्ठ नेता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि यह कदम और कुछ नहीं बल्कि भाजपा की ओर से राजनीतिक प्रतिशोध था और कांग्रेस दोषसिद्धि पर रोक लगाने की योजना बना रही है ताकि अधिमान्यता के आधार को खत्म कर दिया जाए जा सके। राहुल पर मानहानि से जुड़े करीब 6 मामले अभी भी चल रहे हैं। गुजरात की अदालतों में ज्यादातर मामलों की सुनवाई चल रही है। आइए इसे विस्तार से जानते हैं।
ऐसे में जितने बड़े राहुल ज़मानत पर हैं या मामले चल रहे हैं
राहुल गांधी नैशनल हेराल्ड मामले में जमानत पर हैं। इसमें 2015 में सोनिया गांधी को भी जमानत मिली है।
2019 में राहुल गांधी को महानगर की अदालत ने मानहानि के मामले में जमानत दी थी। यह मामला मनपाड़ा को-पत्रक बैंक ने दायर किया था।
एक आरएसएस वर्कर की ओर से दायर केस में साल 2019 में मुंबई की अदालत ने मानहानि के मामले में जमानत दी है।
नवंबर 2016 में महाराष्ट्र के भिवंडी कोर्ट ने आरएसएस वर्कर की ओर से केस दायर किया था।
गुवाहाटी कोर्ट ने सितंबर 2016 में राहुल को आरएसएस की ओर से बेल दी है। यह मामला साल 2015 का है।
नवंबर 2022 में सावरकर को लेकर राहुल के बयानों पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है।



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