नोएडा: आजकल के शहरों में देसी घी बड़े ही चाव से खाया जाता है। पहले लोग घिसाव खाने से थोड़ा हिचकिचाते थे, लेकिन अब एक ट्रेंड पड़ा है। इस सामग्री का मिलावटखोरों ने भी समझा और लग गए अपने धंधे पर। वो बड़े-बड़े ब्रांड के पैकटों में पकना घिस भरकर बाजार में बेचने लगे। 200 रुपए किलो वाला घिसाव 700-800 रुपए के पैकेट में भरकर एक्सपोजर जाने। इसी तरह के मिले-जुले खोरों का भंडाफोड़ पुलिस नोएडा ने किया है। खाद्य सुरक्षा विभाग और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीटीए) की टीम ने नोएडा के वाजिदपुर गांव के घर में प्राकृतिक घी बनाने वाले का भंडाफोड़ किया। टीम ने पांच दस्तावेजों को दस्तावेजों में लिया है। दृश्य से 240 पकड़े हुए घिसाई को ज़ब्त किया जाता है। ये लोग बड़े बड़े प्राधिकरण के लेबल घसीटने को पहचान रहे थे।
फैक्ट्री से करीब 20 पेटी जंगल बरामद हुआ
मुख्य आवासीय सुरक्षा अधिकारी अक्षय गोयल ने बताया कि वाजिदपुर निवासी संदीप चौहान, जसवंत चौहान और विशेष चौहान के संरक्षण में उनके घर पर विकास अग्रवाल निवासी बदरपुर दिल्ली फैक्ट्री चल रही थी। उसने झाड़ तैयार किया था। उसके पास फैक्ट्री चलाने का लाइसेंस भी नहीं था। फैक्ट्री से करीब 20 पेटी जंगल बरामद हुआ है। प्रत्येक पेटी में एक-एक किलोग्राम के 12 अवकाश थे।
कुछ दिन पहले ही शुरू किया था काम
प्लांट में वनस्पति जंगल में रासायनिक गलती से जंगल तैयार किया गया था। एक भूखा जंगल तैयार करने में लगभग 200 रुपये खर्च होते थे। जबकि साइट पर आस-पास के इलाकों को 500 से 700 रुपए में बेच देता था। खिड़की पर नामचीन प्राधिकरण का लेबल दिखने के कारण बाजार में घी बिक रहा था। टीम को फैक्ट्री में संदीप के अलावा चार अन्य व्यक्ति काम करते हैं। टीम ने दावा किया है कि फैक्ट्री जनवरी को ही शुरू हुई थी। उनके खिलाफ एक्सप्रेस-वे थाने में मामला दर्ज किया जाएगा।
कैसे करें मिलावटी घिसाव की पहचान
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि मिलावटी दवाओं का इस्तेमाल किडनी, लिवर और दिल पर असर करने वालों में होता है। इन कैंसर तक हो सकता है। पेट और त्वचा के रोग ग्रस्त दिखाई देते हैं, लेकिन बाकी गंभीर विकार धीरे-धीरे मोटे होते हैं। खाद्य विभाग ने बताया कि एक चम्मच में एक चम्मच घी गर्म कर लें। अगर घिसाई का प्रभाव पिघल जाता है और गहरे भूरे रंग में बदल जाता है, तो यह शुद्ध है। और अगर दृष्टिकोण में समय लगता है और हल्का पीला रंग में बदल जाता है, तो यह मिलावटी है।
देसी घी असली है या पकना, इन टिप्स की मदद से पहचान करें
फॉर्माशयी – एजेंसी