छत्तीसगढ़

ना सूचना ना पंचनामा, व्यवस्थापन के पहले ही तोड़ दिया मकान अब है केवल खुला आसमान और पीड़िता के अरमान : ग्राम पंचायत दामापुर बाजार के सरपंच की मनमानी

कबीरधाम ग्राम पंचायत दामापुर बाजार की घटना जहां पर सरपंच ने गरीब के घर को बिना व्यवस्थापन के तोड़वा दिया। गरीब की झोपड़ी, सपने संजोने की जगह और जैसा भी हो घर तो फिर घर होता है चाहे वह झोपड़ी हो या महल।

खुले आसमान के नीचे अपना जीवन यापन करने के लिए मजबूर है पीड़ित परिवार। अत्यंत गरीब परिवार से आते हैं जिसे सरपंच ने बेरहमी से बिना व्यवस्थापन के तुड़वा दिया है।

पीड़ित परिवार की मुखिया गंगोत्री परित्यक्ता राजीव खांडेकर ने बताया कि वह पिछले 5 वर्षों से उक्त स्थल पर झोपड़ी बनाकर अपने एवं अपने बच्चों का भरण पोषण कर रही है वह भूमिहीन है रोजी मजदूरी करके अपने बच्चों का पालन पोषण कर रही है । जो भी वह कमाती थी, उसमें से ही तिनका तिनका करके झोपड़ी को उसने बनाया था जिसे सरपंच द्वारा बिना किसी सूचना के तुड़वा दिया । घटना के बाद गंगोत्री और उसके बच्चे विगत तीन-चार दिनों से खुले आसमान के नीचे दिन और रात गुजारने पर मजबूर हैं ग्राम पंचायत में और बड़े-बड़े रसूखदार लोगों ने, परिवारों ने अतिक्रमण किया है जिस पर सरपंच ने कोई कार्यवाही नहीं किया ।

पीड़िता ने यह भी बताया के उसके झोपड़ी में रखे समान खाने पीने की वस्तुएं को बिना पंचनामा के सरपंच झोपड़ी तोड़ने के बाद अपने साथ ले गया जिसमें खाना बनाने के बर्तन आदि जीवन निर्वहन के समान थे उसके पास अब खाना बनाने तक की ना तो बर्तन है और ना ही राशन।

उक्त पूरा मामला ग्राम पंचायत दामापुर बाजार का है पीड़िता जहां पर रहती थी वहां पर बाजू में एक जैतखाम भी बना हुआ है जिस पर वह पिछले 5 सालों से पूजा पाठ करते आ रहे हैं पीड़िता के द्वारा यह भी बताया जा रहा है की पीड़िता को अब वहां पूजा पाठ करने से भी वंचित कर दिया गया है।एक ओर जहां छत्तीसगढ़ शासन गरीबों को काबीज स्थल पर ही पट्टा बनाकर अधिकार के साथ पक्का मकान बनाकर देने की बात कर ही है वही ग्राम पंचायत दामापुर बाजार के सरपंच ने गरीब की झोपड़ी तोड़वा कर छत्तीसगढ़ सरकार के आदेश की अवहेलना कर गरीबों को बेघर करने का काम किया है ।

पीड़ित परिवार ने जिले के कलेक्टर जन्मेजय महोबे से गुहार लगाई है कि जिस स्थान पर पीड़िता का झोपड़ी था वही उसे पुनः व्यवस्थापन किया जाए और मकान बना कर दिया जाए साथ ही उक्त सरपंच पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।

वही पूरे मामले पर सरपंच से बात करने पर बताया गया कि ग्राम पंचायत प्रस्ताव के आधार पर उक्त मकान को तोड़ा गया है जबकि पीड़िता ने अनुसार पहले मकान तोड़ा गया फिर बाद में प्रस्ताव तैयार कर लिया गया ऐसा कहा है ।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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