
नीतीश कुमार यात्रा: बिहार के विभिन्न प्रकार की यात्रा पर निकलेंगे। वह पांच जनवरी, 2023 को पश्चिम चंपारण जिले की बेतिया से यात्रा की शुरुआत करेंगे। इस दौरान वह सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा करेंगे और साथ ही लोगों से बातचीत करेंगे।
निवर्तमान कुमार की यह 14वीं यात्रा होगी। सबसे पहले 12 जुलाई, 2005 को वह न्याय यात्रा पर निकले थे। इसके बाद विकास यात्रा नौ जनवरी 2009 से धन्यवाद यात्रा 17 जून 2009 से, प्रवास यात्रा 25 दिसंबर 2009 से, विश्वास यात्रा 28 अप्रैल 2010 से, सेवा यात्रा नौ नवंबर 2011 से, अधिकार यात्रा 19 सितंबर 2012 से, संकल्प यात्रा पांच मार्च 2014 से, संपर्क यात्रा 13 नवंबर 2014 से, यात्रा नौ नवंबर 2016 से, विकास कार्यों की समीक्षा यात्रा 12 दिसंबर 2017 से, 03 दिसंबर, 2019 से जल-जीवन-हरियाली यात्रा और 22 दिसंबर 2021 समाज सुधार यात्रा पर निकले।
राजनीतिक सूचनाओं का कहना है कि नीतीश कुमार की इस बार यात्रा का उद्देश्य 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर जनता के मूड को भांपना होगा। क्योंकि 2020 में बिहार की जनता ने एनडीए के पक्ष में मतदान किया था लेकिन चाह साल बाद मंत्री कुमार ने बीजेपी को सत्ता से हटाकर लालू प्रसाद यादव की आर जुनी के साथ मिलकर महागठबंधन की सरकार का गठन कर लिया। जाहिर है नीतीश कुमार अपनी यात्रा में ये भी जानने की कोशिश करेंगे कि महागठबंधन को लेकर बिहार की जनता की सोच क्या है।
भाजपा बोली- पहले पापों का प्रायश्चित करें
दूसरी ओर, नोकरी कुमार की यात्रा पर ध्यान दिया जाता है। पूर्व मंत्री एवं भाजपा नेता जीवेश मिश्रा ने कहा कि जहरीली शराब से 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई, लेकिन अज्ञानी तो छोड़ो मुख्यमंत्री के मुंह से संवेदना का एक शब्द तक नहीं निकला। उन्होंने जो पाप किए हैं उनकी ली कांवड़ यात्रा पर जाना चाहिए, प्रायश्चित करना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने भी कहा कि परमाणु कुमार को पहले अपनी पार्टी के अंदर सुधार करना चाहिए, इसके बाद अपनी यात्रा पर निकलना चाहते हैं।



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