पटना: बिहार सरकार ने अधिकार क्षेत्राधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि राज्य में पंजीकृत पंजीकृत और मठों से संबंधित भूमि सहित सभी खरीददारी और बिक्री न हो। जिलाधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया है कि सभी पंजीकृत और मठों की अचल संपत्ति का विवरण तुरंत बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड (BSBRT) को प्रदान किया जाए ताकि इसकी वेबसाइट पर इसका विवरण अपलोड किया जा सके।
35 जाली से जुड़े हुए थे
बीएसबीआरटी द्वारा हाल ही में 35 जाली जानकारी प्राप्त करने के लिए गए हैं। इसके राज्य में 2512 अपंजीकृत मंदिर या मठ हैं और उनके पास 4,321.61 एकड़ जमीन है। सरकार के विधि विभाग के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में पंजीकृत संस्थाओं की कुल संख्या लगभग 2,499 है और उनके पास 18,456 एकड़ जमीन है।
बिहार में अब भी 2,512 गैर पंजीकृत मंदिर, मठ और न्यास हैं
बिहार के विधि मंत्री शमीम अहमद ने बताया कि यह गंभीर चिंता का विषय है कि राज्य में लगभग सभी देनदारी में अब भी 2,512 गैर पंजीकृत मंदिर, मठ और न्यास हैं, उन्हें बीएसबीआरटी में अपना पंजीकरण करवाना होगा। सभी अधिकाराधिकारियों को निर्देशित किया जाता है कि वे अपने-अपने नेटवर्क में ऐसे अपंजीकृत बॉडी की प्राथमिकता के आधार पर पंजीकरण सुनिश्चित करें। जिलाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है कि 2499 पंजीकृत मंदिर या मठों की भूमि सहित अचल की दुकान में उनकी बिक्री या खरीद न हो।
खरीद-बिक्री करने वालों पर होगी कार्रवाई- विधायक मंत्री
अहमद ने कहा कि राज्य सरकार उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगी जो पंजीकृत मंदिरों, मठों या न्यासों की अवैध खरीद-बिक्री में फंसेंगे। इसके अलावा, बीएसबीआरटी में पंजीकरण नहीं करने वाले मंदिरों, मठों, न्यासों और धर्मशालाओं के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।बिहार हिंदू धार्मिक न्यास अधिनियम 1950 के अनुसार, बिहार में सभी मंदिरों, न्यासों और धर्मशालाओं को बीएसबीआरटी पर दावेदारी चाहिए।
‘पुजारी मालिक उनकी खरीद फरोख्त कर रहे हैं’
विधि मंत्री ने कहा कि इन पंजीकृत-गैर पंजीकृत संस्थानों की दलाली को अनाधिकृत आरोपियों से बचाने के लिए पंजीकरण बहुत जरूरी है क्योंकि इसमें बड़े पैमाने पर अनिमियतता पाई गई है और ऐसे मंदिर-मठों की पुजारी अचल दलाली के मालिक अपनी खरीद-फरोख्त कर रहे हैं रहे हैं।
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