
UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर/बिलासपुर । छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) बिलासपुर में अज्ञात अवस्था में मिला एक नवजात शिशु उपचार और देखभाल के उपरांत आज चाइल्ड लाइन बिलासपुर को विधिवत सौंपा गया।
मामला कैसे शुरू हुआ
15 अगस्त 2025 को कविता (20 वर्ष), पति ओमप्रकाश, निवासी भरनीपरसदा सकरी को सिम्स के महिला एवं प्रसूति विभाग में भर्ती कराया गया था।
उसी दिन पुत्र जन्म हुआ और 16 अगस्त को प्रसूता को छुट्टी दे दी गई।
परिजन 24 अगस्त तक शिशु को देखने आते रहे, लेकिन 25 अगस्त से आना बंद कर दिया।
परिजनों द्वारा दिए गए मोबाइल नंबर भी गलत पाए गए।
अस्पताल में की गई देखभाल
शिशु को शिशु रोग विभाग के NICU वार्ड में भर्ती कर रखा गया।
विभागाध्यक्ष डॉ. राकेश नाहरेल के निर्देशन में डॉ. समीर कुमार जैन, डॉ. सलीम खलखो, डॉ. मीनाक्षी ठाकुर, डॉ. जायकिशोर और सिस्टर इंचार्ज विभा श्रीवास सहित टीम ने शिशु की समुचित देखभाल की।
आया भावना सिदार और पुष्पा सहित स्टाफ ने भी लगातार सेवा में सहयोग दिया।
पुनर्वास की प्रक्रिया
11 सितम्बर 2025 से संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक डॉ. लखन सिंह के आदेश पर शिशु के पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू की गई थी।
आज औपचारिक रूप से शिशु को चाइल्ड लाइन को सौंपा गया।
इस अवसर पर उपस्थित
चाइल्ड हेल्प लाइन प्रभारी चंद्रशेखर तिवारी, सुपरवाइजर आस्था सिंह व चंद्रप्रकाश श्रीवास,
समाजिक कार्यकर्ता विकास साहू (सेवा भारती मातृछाया, बिलासपुर) भी मौजूद रहे।
सिम्स प्रबंधन का बयान
सिम्स के अधिष्ठाता डॉ. रमणेश मूर्ति ने कहा –
“नवजात को समुचित उपचार और सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है। अब उसके उज्ज्वल भविष्य और पुनर्वास हेतु उसे चाइल्ड लाइन को सौंपा गया है, जहाँ उसकी उचित देखभाल और पालन-पोषण सुनिश्चित किया जाएगा।”
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