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NPS स्कीम का नया नियम: ई-नॉमिनेशन की प्रक्रिया में हुआ बड़ा बदलाव, खाताधारक पर क्या होगा असर?

उत्तर

नए नियमों के मुताबकि, अनुयायी अब आपके आवेदन को विचार या खारिज कर सकते हैं।
30 दिन में आवेदन पर कार्यवाही नहीं होने पर वह सेंट्रल रिकॉर्ड की पिंजिंग एजेंसी के पास चलेगा
पेंशन रिजर्व ने एनपीएस के नॉमिनेशन से जुड़े पुराने दस्तावेजों में भी बदलाव किया है।

नई दिल्ली. पेंशन फ़्रैंक पीएफ आरडीए और आईआर डीआरडीए एनपीएस में निवेश करने वालों के पक्ष में समय-समय पर बदलाव होते रहते हैं। अब सरकारी और निजी सरकारी कर्मचारियों के लिए ई-नामांकन की प्रक्रिया में बदलाव किया गया है। नए नियमों के अनुसार, निवेशक अब आपके आवेदन को विचार या अस्वीकार कर सकते हैं। यदि आपका ई-नामांकन आवेदन पत्र 30 दिन तक कार्रवाई नहीं करता है तो आवेदन सेंट्रल रिकॉर्ड की पिग एजेंसी के पास चलेगा।

यहां से लिया गया आव्हान को सेल्फ: ही स्वीकार कर लेंगे. बता दें कि यह नियम 1 अक्टूबर, 2022 से लागू है। इससे पहले आईड्रामा ने मैच्योरिटी के समय एन्युटी लेने के लिए एक्गल फॉर्म की पुष्टि की प्रक्रिया को समाप्त कर दिया था। अगस्त में पीएफ आरडी ने एक ऑर्डर जारी कर टियर 2 शहरों के एनपीएस खाताधारकों के लिए क्रेडिट कार्ड के जरिए एनपीएस में योगदान की सुविधा खत्म कर दी थी।

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सब्सक्राइबर की मौत के बाद नॉमिनी नहीं बदलेगा
22 अक्टूबर को जारी सर्कुलर में पीएफ ड्रे ने कहा कि खाताधारक की मौत के बाद उसकी लॉग-इन जानकारी का इस्तेमाल कर नॉमिनी के नाम पर संशोधन मनी नहीं किया जाएगा। बीमा प्रमाणपत्र के अनुसार, नॉमिनी का चुनाव केवल सभी खाताधारक ही कर सकते हैं। यदि खाताधारक की मृत्यु के बाद इसमें कोई बदलाव होता है तो उसका विवरण दर्ज किया जाएगा और सबसे पहले नामिनी दर्ज की जाएगी। यदि खाताधारक के पास कोई नाम दर्ज नहीं है, तो उसके वैधानिक उत्तराधिकार को निधि दे दी जाएगी।

सोने के रिकार्ड में दर्ज नामिनी
रेगुलेशन 3 (सी) के अंडर कवर सरकारी क्षेत्र के सब लेवल क्राइबर्स और रेगुलेशन 4 (सी) के अंडर कवर कंपोनेंट सब नॉमिनी नॉमिनी के बिना हुए तो ऐसे मामलों में नियो क्रेट के पास मौजूद कर्मचारियों का रिकॉर्ड देखा जाएगा। यदि कोई नॉमिनी है तो उसे ही एनपीएस के लिए नॉमिनी माना जाएगा। इसके बाद सारा लाभ पोस्ट कर नीचे जाएँ।

डिजिटल लाइफ़ अपॉइंटमेंट
एन.पी.एस. के मरीजों को पेंशन प्राप्त करने वाले खाताधारक को हर साल जीवन प्रमाण पत्र जमा करना होता है। आप अब लाइफ़ प्रमाण सेवा का उपयोग करके डिजिटल लाइफ़ ऑनलाइन भी जमा कर सकते हैं। इसके साथ ही सभी बीमा कंपनियों को निर्देश दिया जाता है कि वे आधार से सत्यापन करें।

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