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छत्तीसगढ़ में सुशासन की नई पहल, मॉनिटरिंग एंड इवैल्यूएशन कार्यशाला से योजनाओं की गुणवत्ता में सुधार

UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर । छत्तीसगढ़ में सरकारी योजनाओं के पारदर्शी और प्रभावी क्रियान्वयन के उद्देश्य से आज से दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। राज्य नीति आयोग एवं केंद्रीय नीति आयोग के डेवलपमेंट मॉनिटरिंग एंड इवैल्यूएशन ऑफिस (DMEO) के संयुक्त सहयोग से “मॉनिटरिंग एंड इवैल्यूएशन” विषय पर आयोजित इस कार्यशाला में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य सरकारी योजनाओं के मूल्यांकन और निगरानी के आधुनिक तरीकों को अपनाकर योजनाओं की प्रभावशीलता और पारदर्शिता को बढ़ाना है। कार्यशाला का उद्घाटन नीति आयोग की महानिदेशक  निधि छिब्बर, मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉ. धीरेंद्र तिवारी, राज्य नीति आयोग के सदस्य डॉ. के. सुब्रमण्यम, योजना विभाग के सचिव  अंकित आनंद, राज्य नीति आयोग की सदस्य सचिव डॉ. नीतू गोरडिया और DMEO के निदेशक  अबिनाश दास और देवी प्रसाद भुक्या की उपस्थिति में हुआ।

योजनाओं की प्रभावशीलता और पारदर्शिता बढ़ाने पर फोकस

कार्यशाला में DMEO की विशेषज्ञ टीम ने योजनाओं की निगरानी और मूल्यांकन के आधुनिक तकनीकों पर विस्तृत सत्र लिया। अधिकारियों को डेटा संग्रह, विश्लेषण और रिपोर्टिंग प्रणाली को अधिक प्रभावी बनाने के गुर सिखाए गए।

विशेषज्ञों ने बताया कि डेटा गवर्नेंस, आउटपुट-आउटकम मॉनिटरिंग, गुणवत्ता संकेतक (Quality Indicators) और लॉजिकल फ्रेमवर्क के माध्यम से योजनाओं के प्रदर्शन को मापा जा सकता है। इससे योजनाओं के क्रियान्वयन की गुणवत्ता सुनिश्चित होगी और शासन प्रणाली अधिक पारदर्शी और उत्तरदायी बनेगी।

लॉजिकल फ्रेमवर्क और डेटा गवर्नेंस क्वालिटी इंडेक्स पर चर्चा

विशेषज्ञों ने आउटपुट-आउटकम मॉनिटरिंग फ्रेमवर्क, डेटा गवर्नेंस क्वालिटी इंडेक्स और लॉजिकल फ्रेमवर्क जैसे विषयों पर गहन परिचर्चा की। राज्य नीति आयोग के सदस्य डॉ. के. सुब्रमण्यम ने कहा कि इस कार्यशाला से राज्य के अधिकारियों को योजनाओं की निगरानी और मूल्यांकन के आधुनिक तौर-तरीकों से परिचित कराया जा रहा है, जिससे वे योजनाओं को अधिक प्रभावी और परिणामोन्मुखी बना सकेंगे।

नीति आयोग की महानिदेशक निधि छिब्बर ने कहा कि मॉनिटरिंग एंड इवैल्यूएशन (M&E) किसी भी प्रभावी शासन प्रणाली की आधारशिला है। उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य में भी DMEO की तर्ज पर एक समर्पित निगरानी और मूल्यांकन इकाई की स्थापना की जानी चाहिए, जिससे योजनाओं के प्रदर्शन को वैज्ञानिक तरीके से मापा जा सके।

डाटा-आधारित नीति निर्माण की ओर बढ़ रहा छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉ. धीरेंद्र तिवारी ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार डेटा-आधारित नीति निर्माण को अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला से राज्य के अधिकारी योजनाओं की प्रभावशीलता को बेहतर तरीके से मापने और विश्लेषण करने में सक्षम होंगे।

योजना विभाग के सचिव श्री अंकित आनंद ने कहा कि इस प्रशिक्षण से सरकारी योजनाओं की दक्षता और पारदर्शिता में सुधार होगा, जिससे राज्य के विकास कार्यक्रमों को नई दिशा मिलेगी।

राज्य नीति आयोग की सदस्य सचिव डॉ. नीतू गोरडिया ने कहा कि निगरानी और मूल्यांकन सुशासन का प्रमुख आधार है। राज्य नीति आयोग पहले से ही सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के तहत विभिन्न संकेतकों की निगरानी कर रहा है। इस कार्यशाला से डेटा संग्रह और निगरानी प्रणाली को और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ में मजबूत होगी मॉनिटरिंग एंड इवैल्यूएशन प्रणाली

नीति आयोग के निदेशक अबिनाश दास ने कहा कि भारत सरकार ने योजनाओं के प्रभावी मूल्यांकन और निगरानी के लिए DMEO की स्थापना की है। छत्तीसगढ़ में इस तरह की कार्यशाला पहली बार आयोजित की गई है। भविष्य में भी इस तरह की कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी, जिससे छत्तीसगढ़ की योजनाओं की निगरानी और मूल्यांकन को नई दिशा मिलेगी।

इस कार्यशाला में सुशासन एवं अभिसरण विभाग, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, खाद्य, पंचायत, नगरीय प्रशासन और योजना विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। इस पहल से छत्तीसगढ़ में डेटा-संचालित नीति निर्माण और प्रभावी निगरानी प्रणाली को मजबूती मिलेगी, जिससे प्रदेश में विकास और सुशासन को नई गति मिलेगी।

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