UNITED NEWS OF ASIA. कांकेर। आईपीएल मैच को शुरु हुए 40 दिन से अधिक हो चुके हैं. मैच शुरू होने के बाद से ही क्रिकेट पर सट्टे का बाजार भी मई की गर्मी से भी ज्यादा गर्म है. कांकेर शहर में स्वास्तिक बुक नाम से ऑनलाइन सट्टे का धंधा जोरों से चल ही रहा था. जिसकी खबर छपने के बाद अब ऑनलाइन सट्टेबाजी एप्लीकेशन में बदलाव कर दिया गया है और BETONLY777.com नामक एप्लिकेशन लॉन्च कर सट्टेबाजी के जरिए रोजाना करोड़ों की रकम मैंचों पर लगाई जा रही है.
बताया जा रहा है कि यह सब कांकेर के एक चावल व्यापारी द्वारा किया जा रहा है जो पहले भी सट्टे के मामले में जेल जा चुका है. वह पुलिस की नाक के नीचे यह सब कर रहा है. लेकिन पुलिस के कान में अब तक जू तक नहीं रेंगी है. युवा अपने मेहनत की कमाई आईपीएल सट्टे में लूटा रहे है और पुलिस को अभी भी और सबूत का इंतजार है. BETONLY777.com बुक नाम से ऑनलाइन सट्टेबाजी का गोरख धंधा खुलेआम फल फूल रहा है.
वहीं शहर में स्वास्तिक बुक नाम से ऑनलाइन सट्टा पहले चल रहा था. पुलिस उन तक पहुंच पाती उससे पहले नए-नए एप्लिकेशन बुक के जरिए सट्टेबाजी का खेल सामने आ रहे है. स्वास्तिक बुक के जरिए जिन लोगों ने इस खेल को शुरु किया है. उनका पता अभी तक नहीं चल पाया है और अब BETONLY777.com बुक नामक नया एप्लिकेशन मार्केट में लॉन्च कर दिया गया है.
इस मामले को लेकर कांग्रेस के प्रवक्ता अजय भासवानी ने भाजपा सरकार को ही आड़े हाथों लेते हुए निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि सट्टे का कारोबार करने वालों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त होगा तब तो बिना डर के ऑनलाइन सट्टे का कारोबार कर रहा है.
इस मामले में एडिशनल एसपी मनीषा रावटे ने कहा कि वर्तमान में ऐसी शिकायत आई है कि BETONLY777 बुक के नाम से ऑनलाइन बेटिंग के लिए नंबर दिया जा रहा है. पूरे मामले की जांच की जा रही है और जो भी इस गलत काम में संलिप्त होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. पुलिस को निर्देश दिया गया है कि वो बेटिंग और जुआ-सट्टे के खिलाफ एक्शन शुरू करे. आईपीएल टूर्नामेंट शुरु हुए 40 दिनों से अधिक हो चुके हैं मैचों के शुरु होते ही सट्टेबाज भी अपने धंधे में जुट गए हैं.
जिले में तेजी से एक बार फिर क्रिकेट मैचों पर सट्टेबाजी का दौर शुरू हो चुका है. पिछले साल भी जिले में आईपीएल मैचों पर सट्टा लगाने वाले सटोरिए पकड़े गए थे. पुलिस के सख्ती के बावजूद भी सट्टेबाज अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. ऐसे में अब देखना होगा कि पुलिस तंत्र ऑनलाइन सट्टा बाजार के ठेकेदारों पर क्या कार्रवाई करती है.