
सांकेतिक तस्वीर
लॉकडाउन में महिला का पाप हो गया है। आए दिन यहां महिलाओं को लेकर नए-नए फरमान जारी रहते हैं। कभी स्कूल-कॉलेज में जाने पर पाबंदी दी जाती है, तो कभी अनाउंस होने पर। इसी तरह फिर एक नई फरमान जारी हुआ है। नए फरमान के मुताबिक दुनिया में महिलाएं, पुरुष डॉक्टर अपना इलाज नहीं कर पाएंगे। अफगानिस्तान में तालेबंदी शासन को एक साल से ज्यादा का समय मिला है। लेकिन यहां के हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं। सितंबर 2021 में केवल लड़कों को स्कूल जाने की अनुमति मिली, अधिकांश किशोर लड़कियों को माध्यमिक विद्यालय से बाहर कर दिया गया और अफगान महिलाओं को स्वास्थ्य और शिक्षा को छोड़कर अधिकांश क्षेत्रों में काम करने से रोक दिया गया।
पिछले साल शिक्षा पर रोक को रोका
बता दें, पिछले साल दिसंबर में आन्दोलन सरकार ने सभी प्राप्तियों में महिलाओं के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया था। इस आदेश को सुनने के बाद अफगानिस्तान में रहने वाली सैकड़ों लड़कियों को जोर का झटका लगा। इसके खिलाफ महिलाएं सड़क पर उतरीं। जमकर विरोध हुआ। कुछ पुरुषों ने भी इस आदेश को लेकर महिलाओं के समर्थन में प्रदर्शन किया, लेकिन कुछ असर नहीं हुआ।
छात्रों ने विरोध भी किया था
वहीं सरकार की इस फरमान का कुछ छात्र भी विरोध करते नजर आए। अब्दुलहक ओमेरी ने एक वीडियो ट्वीट किया था कि किस विश्वविद्यालय से छात्र बाहर आ रहे थे। ट्वीट में उन्होंने लिखा था, ”लड़कियों की शिक्षा पर बैंड के विरोध में छात्राओं की एकता दिखाने के लिए नांगरहार यूनिवर्सिटी के छात्र परीक्षा छोड़ रहे हैं।”
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