छत्तीसगढ़

युवाओं की भागीदारी से समावेशी विकास की नई इबारत – केटीयू में एक दिवसीय विशेष कार्यशाला का आयोजन

सहभागिता, सुशासन और युवाओं की भूमिका पर केंद्रित विचारमंथन

UNITED NEWS OF ASIA. अरुण पुरेना, रायपुर | छत्तीसगढ़ के समावेशी विकास में युवाओं की सक्रिय भागीदारी और सुशासन को सशक्त बनाने के उद्देश्य से रायपुर स्थित केटीयू में एक दिवसीय शैक्षणिक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस विशेष कार्यशाला में “समावेशी विकास एवं युवाओं की सहभागिता” विषय पर गहन मंथन हुआ। कार्यक्रम में तकनीकी सहयोग गैर-सरकारी संगठन समर्थन, रायपुर द्वारा प्रदान किया गया।

🔹 मुख्य वक्ता का संदेश:

कार्यशाला का उद्घाटन रायपुर के संभागायुक्त एवं विश्वविद्यालय के कुलपति महादेव कावरे ने किया। उन्होंने कहा:

“छत्तीसगढ़ के विकास पथ में युवाओं को जोड़ने में संचार क्रांति ने निर्णायक भूमिका निभाई है। समाचार पत्रों, सोशल मीडिया और रेडियो जैसे माध्यमों से शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के संदेश अंतिम छोर तक पहुंचे हैं।”

उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि वे स्वयं बस्तर के एक छोटे गांव से पढ़-लिखकर आगे बढ़े हैं और अब राज्य में विजन 2047 के तहत युवा शक्ति को विकास की धारा में लाना प्राथमिकता है। विशेष रूप से लड़कियों, आदिवासियों और ग्रामीण युवाओं को शासन और विकास के निर्णयों में भागीदार बनाने की आवश्यकता है।

🔹 प्रमुख विचार और सुझाव:

कार्यशाला के समापन सत्र में डॉ. राजेश टंडन (संस्थापक अध्यक्ष, प्रिया एवं चेयरमैन, यूनेस्को कम्युनिटी रिसर्च) ने युवाओं को परिवर्तनकर्ता और रोल मॉडल की भूमिका निभाने की प्रेरणा दी।

सहभागी वक्ताओं में शामिल रहे:

  • बनश्री बेनर्जी (अध्यक्ष, समर्थन)

  • डॉ. योगेश कुमार (कार्यकारी निदेशक)

  • देविदास किसन निमजे (कार्यक्रम निदेशक)

  • मनीष झा (समन्वयक)

  • प्रो. अमिताभ कुंडू (पूर्व प्रोफेसर, JNU)

  • मनोज कुमार (प्रदान), भूपेश तिवारी (साथी), डॉ. सत्यजीत साहू (दोस्त), डॉ. सुनील शर्मा (प्योर), आनंद शुक्ला, डॉ. नृपेन्द्र शर्मा सहित अन्य शिक्षाविद

🔹 मुख्य चर्चाएं व निष्कर्ष:

  • डिजिटल, लैंगिक और जनजातीय विभाजनों को पाटने के लिए नवाचार मॉडल की तलाश

  • स्थानीय शासन, योजना और विकास में युवाओं की आवाज को शामिल करने की रणनीति

  • युवाओं को केवल लाभार्थी न मानकर राज्य निर्माण में उनकी नेतृत्वकारी भूमिका तय करना

  • पीएम स्वनिधि, डीडीयू-जीकेवाई, आत्मनिर्भर भारत योजना जैसे कार्यक्रमों की सफलताएं

🔹 संयुक्त सहभागिता:

कार्यशाला में छत्तीसगढ़ के प्रमुख स्वयंसेवी संगठन जैसे —
प्रदान, साथी, एफईएस, सृजन केंद्र, वाटर एड, पथ प्रदर्शक, चिराग, सेवा भास्कर, जन सहयोग, सजग, आरोहण, जन साहस आदि के कार्यकर्ता भी शामिल हुए।

कार्यशाला के नोडल अधिकारी एवं प्रभारी प्राध्यापक डॉ. आशुतोष मंडावी ने आयोजन को सफल संचालन प्रदान किया।

यह कार्यशाला राज्य के युवा नेतृत्व को प्रोत्साहित करने और उन्हें शासन-प्रणाली में निर्णायक भूमिका देने की दिशा में एक सकारात्मक पहल साबित हुई।

 


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