
नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सभी लोगों की सेहत को लेकर बहुत ज्यादा सोचने लगे हैं। इसलिए पिछले कुछ महीनों में इसकी मांग तेजी से मिली है। मच्छर में कई ऐसे जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं जिनकी किसी दिन शरीर को बहुत आवश्यकता होती है। साथ ही ये फाइबर का भी एक अच्छा माध्यम है। कई बीमारियों में मच्छर का इस्तेमाल दवाई के तौर पर किया जाता है। हेल्थ कॉन्शस लोगों के लिए भी यह अच्छा होता है, क्योंकि इसमें कैलोरीज ज्यादा नहीं होतीं.मशरूम में कई महत्वपूर्ण खनिज और विटामिन पाए जाते हैं. इनमें विटामिन बी, डी, पोटैशियम, कॉपर, आयरन और सेलेनियम पर्याप्त मात्रा में होते हैं। इसके अलावा, मॉज़ में कोलीन नाम का एक विशेष पोषक तत्व पाया जाता है जो कि गंदगी की गतिविधियों और अनुपालन में बने रहते हैं। इसी बेनिफ़िट्स की वजह से लोकप्रिय हो रहे हैं। बाजार में इसकी झलक 300 से 350 रुपये किलो और ठीक-ठाक रेट से 40 प्रतिशत कम होती है। इसे मिल रही व्यापक मांग के चलते कई किसानों ने पारंपरिक खेती को छोड़ना शुरू कर दिया है। आइए जानें मांज की खेती के बारे में सब कुछ…
50 हजार रुपये करें 2.50 रुपये की कमाई-बटनमंग की खेती के लिए कम्पोस्ट बनाया जाता है। एक क्विंटल कम्पोस्ट में लदान सीक्स लगते हैं। 4 से 5 क्विंटल कम्पोस्ट रहने की स्थिति लगभग 2 हजार किलो मैक्सिम पोस्टै हो जाती है। अब 2 हजार किलो कम से कम 150 रुपये किलो के होश से बिकता है तो करीब 3 लाख रुपये मिल जाएंगे। इसमें से 50 हजार रुपये की लागत के तौर पर निकाल दें तो भी 2.50 लाख रुपये बचा सकते हैं। हालांकि इसकी कीमत 50 हजार रुपये से कम ही दिखाई देती है।
मांज की खेती की लें ट्रेनिंग
सभी एक ग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी और कृषि अनुसंधान के पहलुओं में मंग की खेती की सीख दी गई है। अगर आप इसे बड़े पैमाने पर खेती करने की योजना बना रहे हैं तो एक बार बेहतर इसकी सही तरीके से खेती करने की योजना बना लें। अगर जगह की बात की जाए तो प्रति वर्ग मीटर में 10 किलोग्राम आराम से फैलाया जा सकता है। कम से कम 40×30 फुट की जगह में तीन-तीन फुट चौड़ा रैक बना सकते हैं।
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कम्पोस्ट बनाने की विधि
कम्पोस्ट को बनाने के लिए धान की पुलिया को भिंगोना होता है और एक दिन बाद इसमें डीएपी, यूरिया, पोटाश, व्हीट का चोकर, जिप्सम और कार्बोफ्यूडोरन मिलाकर इसे सडने के लिए छोड़ दिया जाता है। करीब लदान महीने के बाद कम्पोस्ट तैयार होता है। अब गोबर की खाद और मिट्टी को बराबर मिलाकर एक लाख इंच मोटी परत बिछाया जाता है, उस पर कम्पोस्ट की दो-तीन इंच मोटी परत चढ़ाई जाती है। यह अस्तित्व में है इसलिए स्प्रे से मच्छर को एक दिन में दो से तीन बार सही किया गया है। इसके ऊपर एक-दो इंच कम्पोस्ट की वापसी और रवाना हो जाती है। और इस तरह के रिकॉर्ड की शुरुआत हो जाती है।
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प्रथम प्रकाशित : 28 अगस्त, 2020, 07:08 IST
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