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पीरियड्स के इन 4 लाल झंडों से कभी न बचें।पीरियड्स के इन 4 रेड फ्लैग्स को अवॉयड न करें।

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हर महिला कभी न कभी मौसम में उतार-चढ़ाव जरूर लेती है। जैसे कभी-कभी सीक्वेंस में गैप को लंबा किया जाता है तो कभी-कभी पहले सीक्वेंस को बढ़ाया जाता है। कई बार मामूली दर्द का अनुभव करना, हेवी ब्लीडिंग, इत्यादि। परंतु सेक्स के दौरान शरीर में नजर आने से कभी भी किसी भी तरह की नजर नहीं पड़नी चाहिए। इसके प्रति बरती गई छोटी सी चीज आपको बड़ी परेशानी का शिकार बना सकती है। इसलिए सीयरस के दौरान नजर आने वाले छोटे-दाएं दिग्दर्शन के बारे में सही जानकारी रखना और डॉक्टर से संपर्क करना आवश्यक है।

हेल्थ कोच नेहा रंगलानी ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए सीक्वेंस में नजर आने वाले कुछ रेड टैग्स के बारे में बताया है। तो आइए जानते हैं, ऐसे कौन से रेड टेक्स्ट हैं जिनकी अनदेखी नहीं की जानी चाहिए।

इन कारणों की वजह से नजर आ सकते हैं ये लाल फ्रैंक

गर्भावस्था
ब्रेस्टफिडिंग
खाने की गड़बड़ी
अधिक वजन
अंडरवेट
पीसीओएस
यूरिन फाइब्रॉयड
पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज
जरूर से ज्यादा व्यायाम

अवधि ऐंठन
ऐसे में महिलाओं को सामान्य दिनों की तुलना में ज्यादा दर्द हो सकता है। चित्र : उजागर करें

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यहां हैं पीरियड्स में नजर आने वाले 4 रेड चार्ट्स

1. मामूली दर्द का एहसास

कुछ महिलाओं को पीरियड्स में काफी हल्का दर्द महसूस होता है, तो कुछ को थोड़ा ज्यादा। लेकिन यदि आपका पीरियड्स के पांच दिनों का हो गया है और आपको इसे बिना बताए रखने के लिए पेन किलर माइनॉरिटी की जरूरत पड़ रही है। वहीं यदि यह आपके नियमित मार्ग को भी प्रभावित कर रहा है, तो यह एक लाल वर्ण हो सकता है। हो सकता है आपको फाइब्रॉयड, स्टेटोसिस आदि की समस्या हो। जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर से मिलें और इसकी जांच करवाएं।

2. हैवी ब्लीडिंग होना

यदि आपका पीरियड फ्लो काफी ज्यादा है और 7 दिन या उससे ज्यादा बना रहता है। तो यह चिंता का विषय हो सकता है। क्योंकि ऐसे में अटकने और फर्टिलिटी से जुड़ी समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में असुविधाओं से बचने के लिए समय डॉक्टर से मिलकर इस पर सलाह लेना जरूरी है।

3. अतिशयता का रहना

आम तौर पर 21 दिन से पहले और 35 दिन के बाद का समय आता है तो इसे इरेगुलर पीरियड मानते हैं। यदि आपका चक्र भी अलंघनीय है तो यह सबसे बड़ा लाल अक्षरों में से एक है। फिपिकल सीक्वेंस के कई कारण हो सकते हैं, जैसे प्रेग्नेंसी पॉलीसिस्टिक ओवेरियन, एक्सट्रीम वेट, बर्थ कंट्रोल पिल, आदि। ऐसे में सबसे जरूरी है डॉक्टर से फेटना और आपके फिबिकल पीरियड के असल कारण का पता लगाना।

अवधि गोज़
पीरियड्स के दौरान आने वाले रेड डॉग्स का ध्यान रखें। चित्र एक्सपोजर।

4. सीक्ट्रस में ब्लड क्लॉट्स आना

पीरियड्स में आने वाले ब्लड की कंसिस्टेंसी और रंगत में अटेंशन आने वाले बदलाव भी एक रेड जाम हो सकते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार आपके रक्त की रंगत क्रैनबेरी की तरह लाल रंग में दिखाई जाएगी। इसके साथ ही जरूरत से ज्यादा रक्त के संबंध में भी असमानताएं और यूटरिन फाइबर्स के निशान हो सकते हैं। वहीं अगर खून का रंग हल्का और घना होता है तो शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। ऐसे में डॉक्टर से मिले और उनके साथ अपनी समस्या शेयर करें।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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