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नेपाली प्रधानमंत्री ने विमान दुर्घटना में मारे गए लोगों से सभी की मुलाकात की

प्रचंड पीड़ित से मिलने त्रिभुवन विश्वविद्यालय प्रशिक्षण अस्पताल पहुंचे। प्रधान कार्यालय ने बताया कि संपूर्ण के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए प्रधान मंत्री ने अस्पताल के अधिकारियों को वैज्ञानिक प्रक्रिया का उपयोग कर शवों की पहचान में तेजी से बदलाव और शवों को जल्द ही परिजनों को सौपने का निर्देश दिया।

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने पोखरा शहर में यति विमान के विमान हादसे में मारे गए लोगों के शोक संत से बृहस्पतिवार को मुलाकात की। प्रचंड पीड़ित से मिलने त्रिभुवन विश्वविद्यालय प्रशिक्षण अस्पताल पहुंचे। प्रधान कार्यालय ने बताया कि संपूर्ण के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए प्रधान मंत्री ने अस्पताल के अधिकारियों को वैज्ञानिक प्रक्रिया का उपयोग कर शवों की पहचान में तेजी से बदलाव और शवों को जल्द ही परिजनों को सौपने का निर्देश दिया।

प्रधान मंत्री प्रचंड ने अस्पताल के अधिकारियों से कहा कि वे मृत की जल्दी पहचान पूरी करने के लिए सरकार से आवश्यक सहायता मांगें। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने पहचान के लिए रखे गए शवों का भी अवलोकन किया। नेपाल की सबसे भीषण घरेलू विमान दुर्घटना में यह हादसा 15 जनवरी को हुआ, जिसमें काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई टर्मिनल से उड़ान भरने के बाद यति एयरलाइंस का एक विमान उतरने से कुछ मिनट पहले ही पोखरा में पुरानी हवाई अड्डे और नए हवाई अड्डे के लिए इस बीच सेती नदी तट पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई।

दुर्घटना के दौरान विमान में 53 नेपाली यात्री और पांच भारतीय सहित 15 विदेशी नागरिक चालक और दल के चार सदस्य सवार थे। विमान में सवार भारतीय उत्तर प्रदेश में आज पहचान अभिषेक कुशवाहा (25), विशाल शर्मा (22), अनिल कुमार राजभर (27), सोनू जायसवाल (35) और संजय जायसवाल के रूप में सभी हुई है। हादसे में घायल हुए 71 लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि एक अन्य की तलाश जारी है। नेपाली सेना के प्रवक्ता नारायण सिलवाल ने बताया कि बृहस्पतिवार को सेना ने राहत एवं अन्वेषण का विस्तार पड़ोसी नवलपरासी और चितवन के क्षेत्र तक किए।

अस्पताल सूत्रों के अनुसार, इस प्रकार, रूपरेखा के बाद एक भारतीय नागरिक सहित 12 शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया है। उन्होंने बताया कि संजय जायसवाल का शव उनके परिजनों को सौंपा गया है, जो भारत लौट आए हैं। हादसे में मारे गए अन्य चार भारतीय नागरिकों के संबंध भी काठमांडू तक पहुंच गए हैं। नेपाल के नागरिक उड्डयन निकायों के अनुसार अगस्त, 1955 में पहला विमान हादसा दर्ज होने के बाद से अब तक देश में हवाई दुर्घटना में 914 लोग मारे गए। रविवार को पोखरा में यति एयरलाइंस ट्रेजेडी नेपाली स्काई में 104वां हताहत और हताहतों की संख्या के मामले में यह तीसरी सबसे बड़ी दुर्घटना है।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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