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भारत के अधिकार क्षेत्र पर कब्जा करना चाहता था नेपाल, अब हुआ ये हाल, छोड़ दिया काला पानी पर अपना दावा!

प्रभासाक्षी

नेपाल की हाल ही में जारी अंतिम जनगणना रिपोर्ट में कालापानी क्षेत्र का डेटा नहीं है। नेपाल का यह कदम महत्वपूर्ण है क्योंकि उसने जनवरी 2022 में जारी प्रारंभिक जनगणना रिपोर्ट में इसे शामिल किया था। डेटा कालापानी की कुटी, गुंजी और नबी लेटर से संबंधित है, जो भारतीय क्षेत्र में स्थित है। लेकिन नेपाल अपना होने का दावा करता है।

नेपाल में कुछ महीने पहले चीन की सरकार बनी है। इस सरकार ने ही भारत के खिलाफ काम शुरू कर दिया। चीन ने पता नहीं ऐसी कौन सी घूटी नेपाल को पिलाई की नई सरकार आई ही भारत को अपनी ताकत और अकड़ दिखाई शुरू कर दी। लेकिन नेपाल की वामपंथी सरकार की अक्ल और पूरी ताकत भी निकल गई। अचानक, कुछ ऐसा हुआ है जिससे नेपाल की अक्ल ठिकाने आने के संकेत मिलने लगे हैं। आपको याद होगा कि 2020 में नेपाल ने भारत के कुल क्षेत्रीय अधिकार पर दावा करना शुरू कर दिया था। ये इलाके भारत के उत्तराखंड राज्य में हैं और नेपाल की सीमा पर बने हुए हैं। लेकिन अब अचानक नेपाल ने अपने पैर पीछे खींच लिए हैं।

नेपाल की हाल ही में जारी अंतिम जनगणना रिपोर्ट में कालापानी क्षेत्र का डेटा नहीं है। नेपाल का यह कदम महत्वपूर्ण है क्योंकि उसने जनवरी 2022 में जारी प्रारंभिक जनगणना रिपोर्ट में इसे शामिल किया था। डेटा कालापानी की कुटी, गुंजी और नबी लेटर से संबंधित है, जो भारतीय क्षेत्र में स्थित है। लेकिन नेपाल अपना होने का दावा करता है। शुक्रवार को जारी फाइनल रिपोर्ट में 3 काला पानी का डेटा गायब है। सीमा पार के सूत्रों ने कहा कि प्रारंभिक रिपोर्ट 2011 की भारतीय जनगणना के आंकड़ों के लिए दिए गए सर्वेक्षण पर आधारित थी, लेकिन वास्तविक गिनती की नहीं जा सकती क्योंकि स्किंक जनगणना अधिकारी भारतीय क्षेत्र में इन दस में स्थित भौतिक रूप से नहीं जा सकते।

नेपाल के उप मुख्य अधिकारी नबीन श्रेष्ठ ने नेपाली मीडिया आउटलेट्स में कहा है कि भारतीय अधिकारियों के असहयोग के कारण हम इन क्षेत्रों तक नहीं पहुंच सकते। लेकिन हमने ध्यान दिया है कि इन क्षेत्रों में लोगों की कुल संख्या 500 से कम है। पिछली अंतिम रिपोर्ट में इस क्षेत्र की जनसंख्या को शामिल नहीं किया गया क्योंकि सत्यापन कठिन था। वहीं अपनी जनगणना में कालापानी के डेटा को शामिल करने के नेपाल के प्रयासों पर प्रतिक्रिया करते हुए कुटी के निवासी कुंवर सिंह ने टीओआई को बताया कि कुटी, गुंजी और नबी भारतीय गांव हैं और देंगे। नेपाली जनसंख्या का हमसे क्या लेना-देना है?

 


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