नेपाल विमान दुर्घटना: नेपाल में हुए फोटोग्राफी की वजह सामने आई है। योजना की इनवेस्टिगेशन कर रही जांच कमेटी ने बताया कि यति एयरलाइंस (येति एयरलाइंस) के एटीआर-72 विमान का फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर से प्लान के कारण होने का पता लगा है। जांच समिति ने बताया कि 15 जनवरी को पोखरा में विमान दुर्घटना होने के बाद इंजन में खराबी के संकेत मिले हैं।
फ्लाइट ATR-72 में टक्कर लगने से 72 लोग घायल हो गए थे
अटैचब है कि यति एयरलाइन की नंबर फ्लाइट- 691 त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 15 जनवरी को उड़ान भरने के बाद पोखरा में गिरने से कुछ मिनट पहले ही नए और पुराने हवाई अड्डे के बीच बहने वाली सेती नदी में दुघर्टनाग्रस्त हो गई थी। इस अटैचमेंट में एक समझौता-72 मॉडल के विमान में सवार सभी 72 लोगों की मौत हो गई थी। मारे गए यात्रियों में 55 नेपाली और पांच भारतीय सहित 15 विदेशी नागरिक और चालक दल के चार सदस्य थे।
जाली में 6 यात्रियों की पहचान नहीं हो पाती, डीएनए जांच शुरू
बता दें कि नेपाल के अधिकारियों ने जनवरी में विमान दुर्घटना में जान गंवाने वाले उन छह यात्रियों की डीएनए जांच शुरू की जिनके अवशेषों की अबतक पहचान नहीं हो पाई थी। त्रिभुवन विश्वविद्यालय शिक्षण अस्पताल के फोरेंसिक चिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉ.गोपाल कुमार चौधरी ने बताया, ”पोखरा विमान हादसे में मारे गए लोगों में से छह की पहचान करने के लिए डीएनए जांच की जरूरत थी क्योंकि उनके शव बुरी तरह जल गए थे।” अधिकारियों ने बताया कि जांच की प्रक्रिया केंद्रीय पुलिस फारेंसिक अनुबन्ध में शुरू हुई है। सूत्रों ने बताया कि परिवार के नमूने और शवों की हड्डियों और दांतों से डीएनए नमूने लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। उन्होंने बताया कि जांच की प्रक्रिया पूरी होने में दो सप्ताह का समय बदलेगी।
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