
एनडीपीपी के टी आर जेलियांग और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वाई पैटन को राज्य के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई। रियो कैबिनेट के अन्य सदस्यों ने भी ली शपथ।
नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) के नेता ने रियो ने नागालैंड के कार्यभार के रूप में अपने पांचवें कार्यकाल के लिए मंगलवार को शपथ ली। राज्यपाल ला गणेशन ने 72 वर्षीय रियो को पद एवं गोपनीयता का शपथ पत्र दिया। एनडीपीपी के टी आर जेलियांग और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वाई पैटन को राज्य के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई। रियो कैबिनेट के अन्य सदस्यों ने भी ली शपथ।
मंत्रिपरिषद के सदस्यों के रूप में शपथ लेने वालों में अपने मजाकिया अंदाज के लिए सोशल मीडिया पर लोकप्रिय और भाजपा की राज्य इकाई के प्रमुख तेमजेन इम्ना अलॉन्ग और पहली बार नगालैंड विधानसभा के लिए फैसला किया दो महिलाओं में शुमार सलहौतुओनुओ क्रूस भी शामिल हैं। क्रूस और हेकानी जाखलू चुनाव जीतकर पहली बार नागालैंड विधानसभा पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा और असम के मुख्यमंत्री एवं भूतिया लोकतांत्रिक गठबंधन (एनईडीएटी) के आयुक्त हिमंत विश्व शर्मा भी इस परिदृश्य पर मौजूद थे।
रियो कैबिनेट में एनडीपीपी से सात और बीजेपी से पांच मंत्री हैं। मंत्रिपरिषद में नए नए चेहरे शामिल हैं, सिर्फ क्रूस और पी बाशंगमोम्बा ही हैं। क्रूस ने ‘पीती-भाषा’ से कहा कि वह राज्य की पहली महिला कैबिनेट मंत्री बनने से खुश हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग उन्हें भी विभाग देंगे, वे उनमें से ग्रेब्रेट होकर काम करेंगे। रियो ने दस्तावेज से बातचीत में उन्हें पांचवें कार्यकाल के लिए राज्य की जनता का धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा कि मंत्रियों के संबंध का बंटवारा मंगलवार शाम होने वाली कैबिनेट की पहली बैठक के बाद किया जाएगा। रियो अपने राज्य में सर्वदलीय सरकार का नेतृत्व करेगी, जहां कोई विपक्षी दल नहीं होगा। एनडीपीपी-बीजेपी गठबंधन ने हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव में राज्य विधानसभा की 60 सीटों से 37 सीटों पर जीत हासिल की। रियो पहली बार 2003 में राज्य के लिए बने थे। इसके बाद वह 2008 और 2013 में सदस्य बने, लेकिन 2014 में इस्तीफा दे दिया और छह दिसंबर को निर्वाचित हुए।
इसके बाद, 2018 में फिर से बनें। वहीं, पांचवी कार्य यात्रा के साथ रियो नगालैंड में सबसे लंबे समय तक शीर्ष पद पर रहने वाले नेता हो गए हैं। उन्होंने एस सी जमीर का रिकार्ड तोड़ दिया, जो 1980, 1982-86, 1989-90 और 1993-2003 तक बने रहे।
अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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