अंकारा: तुर्की में आए भूकंप ने भीषण तबाही मचाई है। खबर जाने तक भूकंप की वजह से 34 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई है और अभी तक लोगों का शोर मचाया जा रहा है। इस बीच भारत की तरफ से रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी NDRF की टीम ने कमाल का काम किया है। एनडीआरएफ की लैब्राडोर प्रजाति के डॉग जूली ने अपनी काबिलियत की वजह से 6 साल की बेरेन को नूरदागी में बरकरार रखा।
कांस्टेबल और डॉग कुंदन कुमार ने कहा, ‘हमें जूली ने संकेत दिया कि लाइव विक्टिम है। इसके बाद मैंने दूसरा कुत्ता रोमियो से भी चेक किया, जब उसने भी संकेत दिया तो हम वहां गए और बेरेन को बचा लिया।’
अब तक 34 हजार से ज्यादा लोग मर चुके हैं
तुर्की और सीरिया में भूकंप से मरने वालों की संख्या 34 हजार से ज्यादा पहुंच गई है। संयुक्त राष्ट्र ने रविवार को सीरिया के भूकंपग्रस्त क्षेत्रों में अत्यधिक तत्काल सहायता पहुंचाने में हो रही विफलता की निंदा की और साथ ही ये भी चेतावनी दी कि भूकंप से मरने वालों की संख्या 34,800 से अधिक हो सकती है।
भूकंप ने तुर्की को पूरी तरह से संकेत दिया है और आज भी भूकंप के महसूस किए गए हैं। भूकंप के कई घंटों में जाने के बाद भी मलबे में दबे लोगों को निकालने की चिलचिलाती है। साथ ही मलबे से लगातार शव निकाले जाने से मृतकों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। भूकंप से हजारों मकानों के मिलने के छह दिन बाद रविवार को बचने की आशंका से एक प्रेग्नेंट महिला और दो बच्चों समेत कई लोगों का ब्रेकअप हो गया था।
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