जम्मू और कश्मीर सर्वदलीय बैठक: नेशनल कांफ्रेंस (NC) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने शनिवार को करीब एक सभी लोगों के नेताओं के साथ मीटिंग की। इस केंद्र के दौरान प्रदेश में जल्द चुनाव जारी और कई दूसरे स्कैन पर चर्चा हुई। बैठक के बाद फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) कह रहे हैं कि राज्य में पूर्ण शांति की तरह शांति है. इसके बाद उन्होंने कहा कि अगर शांति है तो फिर चुनाव क्यों नहीं लिए जा रहे हैं।
मीटिंग में हुआ ये फैसला
अब्दुल्ला के आवास पर तीन घंटे तक चली बैठक में यह निर्णय लिया गया कि केंद्र स्वतंत्र प्रदेश में जल्द ही विधानसभा चुनाव की मांग को लेकर दिल्ली में निर्वाचन आयोग से बैठक करने और जम्मू-कश्मीर का राज्य का स्तर बहाल करने की मांग तेज करने का फैसला किया है। इसके साथ ही राज्य में लोकतंत्र की बहाली के लिए दिल्ली में सभी राजनीतिक दलों से सहयोग निर्णय का भी फैसला लिया गया। अब्दुल्ला ने कहा कि मौजूदा समय में स्टेट्स, लोगों और भविष्य की रणनीति पर चर्चा के लिए एक बैठक बुलाई गई थी। सभी नेताओं ने अपने-अपने विचार रखने और आम सहमति से फैसला किया कि हम दिल्ली जाएंगे और राष्ट्रीय नेताओं को जनता की ओर से सामना किए जा मुद्दों से अवगत कराएंगे। उन्होंने कहा कि हम उन्हें स्थिति की जानकारी देंगे और जम्मू कश्मीर का राज्य का स्तर और लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित सरकार बहाल करने में सहयोग की मांग करेंगे।
2014 के बाद से चुनाव नहीं हुआ
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प्रधानमंत्री और गृह मंत्री कहते हैं कि यहां शांति है, अगर यह सच है तो वे विधानसभा चुनाव क्यों नहीं करा रहे हैं? उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में पिछला चुनाव वर्ष 2014 में हुआ था। सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय है कि चुनाव में छह महीने के भीतर निर्वाचित सरकार को बर्खास्त किया जाना चाहिए। जनता यहां लोकप्रिय सरकार की वापसी चाहती है। केंद्र एकल प्रदेश में रिकॉर्ड-विच्छेद अभियान और संपत्ति लगाने का संदर्भ देते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में नागरिक स्थिति स्थिति हो गई है, जहां उपराज्यपाल प्रशासन रात को आदेश पारित करता है और सुबह उसे लागू करता है।
अधिकार संपन्न राज्य चाहिए
उन्होंने कहा कि हम राज्य में लोकप्रिय सरकार और राज्य का स्तर चाहते हैं। खंडित राज्य का स्तर नहीं, बल्कि अन्य राज्यों के अधिकार संपन्न शक्तिशाली राज्य दिए जाते हैं। देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब राज्य का स्तर कम कर उसे केंद्र ने प्रदेश बना दिया है। यह देश के लिए त्रासदी है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह दिल्ली में प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री से मिलेंगे, तो उन्होंने कहा कि इस पर बाद में फैसला किया जाएगा। पूर्व दास नबी आजाद और उनकी डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी को आमंत्रित करने के सवाल पर अब्दुल्ला ने कहा कि दरवाजे सभी के लिए खुले हैं।
बैठक में इन पार्टियों के नेता शामिल हुए
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता एमवाई तारिगामी ने कहा कि बैठक का संदेश था कि जनता एकता है और वह पीछे नहीं हटेगी। इस बैठक में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष विकार कम्युनिस्ट रसूल वानी, मार्क्सवादी पार्टी (माकपा) नेता एमवाई तारिगामी, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) नेता अमरीक सिंह रीन, नेशनल पैंथर्स पार्टी नेता हर्ष देव सिंह, आम आदमी पार्टी (आप) नेता और जिला विकास परिषद सदस्य टोनी, डोगरा हाउस सभा अध्यक्ष गुलचैन सिंह चरक, बीजेपी (उद्धव ठाकरे बाला साहेब) नेता मनीष साहनी और मिशन स्टेटहुड अध्यक्ष सुनील डिम्पल अन्य नेताओं में शामिल हैं।
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