
UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार ने नक्सलवाद के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। पांच महीने से बस्तर में सुरक्षा बलों का हौसला लगातार बुलंद है और एक के बाद एक सुरक्षा बलों व नक्सलियों के बीच हो रही मुठभेड़ में नक्सली मुंह की खा रहे हैं। पांच महीने के भीतर 120 नक्सली ढेर हो चुके हैं। इससे नक्सलियों में भय का माहौल बन गया है। सुरक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक नक्सलवाद के खिलाफ राज्य सरकार ने जिस तरह मोर्चा खोला है ,उससे नक्सली बैकफुट पर हैं। यही कारण है कि वह हथियार छोड़ रहे हैं।
शनिवार को बस्तर में 33 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। मुख्यमंत्री साय ने इंटरनेट मीडिया एक्स पर इसे उपलब्धि बताते हुए अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी साझा की। मुख्यमंत्री ने लिखा कि पांच महीने के भीतर सुरक्षाबलों ने 120 नक्सलियों को ढेर कर दिया। 153 को गिरफ्तार किया गया। 375 ने आत्मसमर्पण किया।
- शाह के रोडमैप पर आगे बढ़ी साय सरकार
तीन वर्ष के भीतर नक्सलियों को पूरी तरह समाप्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के रोडमैप पर साय सरकार आगे बढ़ रही है। केंद्रीय गृह मंत्री शाह का रोडमैप है कि नक्सलियों के आर्थिक स्रोतों की पूरी तरह नाकेबंदी कर उन्हें मिलने वाले फंड को रोका जाए। इसका असर भी शुरू हो गया है। साथ ही नक्सलियों को मिलने वाले हथियारों की आवाजाही पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
इतना ही नहीं, नक्सलियों को उनकी ही मांद में घेरने की रणनीति में भी सुरक्षाबल को लगातार उपलब्धि मिल रही है। जनवरी 2024 में शाह ने छत्तीसगढ़ में ही बैठक लेकर नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई को अधिक तेज करने की रणनीति बनाई थी।
- पहली बार नक्सलियों से भी सरकार ने मांगा सुझाव
नक्सलवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई में सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह खून-खराबा नहीं चाहते हैं। उप मुख्यमंत्री व गृह मंत्री ने ईमेल और गूगल फार्म जारी करके आम जन और नक्सलियों से भी उनके आत्मसमर्पण के बाद पुनर्वास नीति के लिए सुझाव मांगा है।



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