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आज से नवरात्रि शुरू हो रहे हैं। नवरात्रि मन और तन शुद्ध (डिटॉक्सिफिकेशन) और स्वस्थ करने के बड़े अवसर हैं। मन को शांत और शरीर को विकार अनुपयोगी करने के लिए हम उपवास करते हैं। नवरात्रि के 9 दिनों के दौरान हम ऐसा डाइट प्लान करते हैं, जो शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ वजन कम करने में भी प्रतिबंधित हो जाते हैं। साथ ही, यदि कोई शुगर का मरीज हो, तो उसका ब्लड शुगर भी कंट्रोल रहे। आइए सबसे पहले जानते हैं कि नवरात्रि के अवसर पर कैसा हो हमारा आहार। यह जानने के लिए हेल्थ शॉट्स हिंदी में वरीयताओं के सुझाव और आहार पर नए खोज को भी खंगाला।
वजन कम का आसान घरेलू तरीका है समय पर संतुलित भोजन लेना (Weight Loss Tips in Navratri)
अक्सर हम नवरात्रि के अवसर पर लंबे समय तक चलते रहते हैं। हम हैं कि रुके रहने से हमारा वजन घटेगा। यह घरेलू हानिकारक शरीर के लिए हानिकारक नहीं है। नोएडा इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल विशेषज्ञता के डीन डॉ. आशुतोष निरंजन हेल्थशॉट्स से हुई बातचीत के दौरान बताया गया, ‘लंबे समय तक नारंगी रहने या तेल-मसाले वाला भोजन लेने से गॉल ब्लैडर में स्टोन की समस्या हो जाती है।
साथ ही डेली कैलोरी बर्न (Calorie Burn) का भी प्रभाव पड़ता है। आदत के अनुसार सुबह के नाश्ते में लोडेड कैलोरी इंटेक से एपेटाइट सप्रेस होती है और कैलोरी भी बर्न होती है। इसलिए वजन कम करना चाहते हैं, तो समय पर खाना लेना जरूरी है।
वजन कम के लिए 9 दिनों में कैसा हो डाइट प्लान (नवरात्रि डाइट प्लान)
वरिष्ठ आहार विशेषज्ञ और शिक्षाविद डॉ. नीलम अली कहते हैं, ‘चमकते रहने की बजाय समय पर भोजन और तरल पदार्थ लेना जरूरी है। इससे नौ दिनों में आसानी से वजन कम हो सकता है।
उपवास की शुरुआत मिनट पानी से (नींबू पानी)
किसी भी व्रत-उपवास की शुरुआत नींबू पानी, शहद पानी और पानी में सूखे मेवे कर सकते हैं। कुछ समय बाद या आधे घंटे बाद केला, सेब, पपीता, स्ट्राबेरी या एवोकेडो की खाते में लेनी चाहिए। दही के साथ अनार भी ले सकते हैं। सेंधा नमक का प्रयोग करने पर मेंटल हेल्थ स्ट्रोंग बना रहता है। इसमें मौजूद सोडियम कमजोरी नहीं आती है।
पानी में फैले ड्राई फ्रूट्स लें (भिगोए हुए सूखे मेवे)
जब आप बिजली भूख लगने लगे, तो नारियल पानी का सेवन कर सकते हैं। साथ ही पानी में धक्के, काजू, मुनक्का, बादाम आदि लें। ध्यान रहे कि ड्राई फ्रूट्स की 2-3 गिरी से ज्यादा न लें। इन स्थानों पर पानी में दबकर मूंगफली (मूंगफली के फायदे) या नारियल (कच्चा नारियल) का भी सेवन कर सकते हैं। बिना तेल की भुनी हुई मूंगफली को भी ट्राई किया जा सकता है।
दोपहर का भोजन (Lunch)
इसमें या आलू आलू की रायता, मीठी भुर्जी, कुटू की रोटी, कुटू की दलिया, टोफू की भुर्जी, साबूदाना खिचड़ी, सामक के चावल आदि ट्राई कर सकते हैं। इनके साथ एक बाउल टमाटर, मूली, खीरा, शलजम, गाजर का सलाद भी ले सकते हैं।
शाम में बिना तेल के भुने मखाने और ग्रीन टी या नींबू की चाय ले सकते हैं।
रात के भोजन में मिक्स वेज (Mix Veg)
रात के खाने में बिना चीनी की लौकी की खीर, मिक्स सब्जी ले सकते हैं। सब्जी का सूप भी लिया जा सकता है। ध्यान रहे कि केला, दुर्भाग्य, आम या दूसरे साइट्रिक फलों से एसिडिटी की समस्या बढ़ सकती है। इसलिए उपवास के दौरान इन सावन के ज्यादा सेवन से बचें (नवरात्रि में खट्टे फलों से बचें)।
यहां हैं नवरात्रि आहार या किसी भी प्रकार के उपवास के दौरान आहार के फायदे (Navratri Diet Health Benefits)
यदि आप नवरात्रि के 9 दिन सही तरीके से डिक्राउन्स करते हैं, तो यह मामूली रूप से कम हो सकता है।
1 ओपन सिस्टम को ओपन करें : हार्वर्ड हेल्थ जर्नल में प्रकाशित शोध लेख के अनुसार, यदि उपवास के दौरान सही तरीके से जारी किए जाते हैं, तो इससे मुक्त सिस्टम का पता मिल सकता है। दरअसल, उपवास के दौरान शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या कम हो जाती है, जो एक्टिव सिस्टम को और अधिक प्रोडूस करने के लिए ब्लॉक कर देता है।
2 त्वचा का रूखापन खत्म हो जाता है : उपवास के दौरान खाने वाले फल से शरीर को मिलने वाले पानी से त्वचा भी अच्छी तरह मोइस्चराइज हो जाती है। इससे सूखापन खत्म हो जाता है।
3 टॉक्सिन होते हैं शरीर से बाहर : उपवास के दौरान भोजन करने वाले पाचन तंत्र से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद मिलती है। इससे गट अच्छी तरह मजबूत होता है।

4 मेंटल स्वास्थ्य के लिए लाभ : न्यूट्रीटेंट जर्नल के अनुसार, कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि उपवास से तनाव, एंजाइटी और डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।
प्री-डायबिटिक या डायबिटिक ख़ास ख़याल (मधुमेह से पहले या मधुमेह)
डॉ. नीलम अली चेतावनी देते हैं, ‘यदि आप डायबिटिक या डायबिटिक हैं, तो उपवास रखने से पहले अपने एंडोक्रिन एसोसिएट्स से निश्चित रूप से संपर्क करें। उपवास के दौरान आपका कई बार या यूं कहें कि रोज ब्लड शुगर का स्तर अपेक्षाकृत कम हो सकता है। क्योंकि उपवास के दौरान आपका ब्लड शुगर लेवल बहुत कम हो सकता है (हाइपोग्लाइकेमिया) या ब्लड शुगर लेवल बहुत अधिक (हाइपरग्लाइकेमिया) भी हो सकता है। साथ ही शुगर की गोली या इंजेक्शन से जोखिम भी हो सकता है।’
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