नगा असंतुलन और केंद्र सरकार के बीच दो प्रमुख मुद्दों पर अभी तक सहमति नहीं बन पाई है। नगा शांति वार्ता के लिए केंद्र सरकार की ओर से नए वार्ताकार ए.के. मिश्रा के पिछले साल की शुरुआत में नागालैंड के दीमापुर पहुंचे थे और विभिन्न नागा विशिष्टता व अन्य हस्ताक्षरों के प्रतिनिधियों से बातचीत की थी।
कोहिमा। नागा शांति समझौते को लेकर चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। पिछले साल भी कई कोशिशों के बावजूद सभी सभी को कोई समझौता नहीं मिला। नगा असंतुलन और केंद्र सरकार के बीच दो प्रमुख मुद्दों पर अभी तक सहमति नहीं बन पाई है। नगा शांति वार्ता के लिए केंद्र सरकार की ओर से नए वार्ताकार ए.के. मिश्रा के पिछले साल की शुरुआत में नागालैंड के दीमापुर पहुंचे थे और विभिन्न नागा विशिष्टता व अन्य हस्ताक्षरों के प्रतिनिधियों से बातचीत की थी। इससे उम्मीद जगी थी कि राज्य में दशकों से जारी उग्रवाद की समस्या जल्द ही खत्म हो जाएगी। मिश्रा ने हेब्रोन में नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (इसाक-मुइवा) समूह के मुख्यालय के अंदर वरिष्ठ नेता टी. मुइवा सहित विभिन्न नेताओं से मिलने की।
इंटेलिजेंस ब्यूरो (अभिलेखागार) के पूर्व विशेष निदेशक मिश्रा ने पिछले वार्ताकार और नागालैंड के पूर्व राज्यपाल आर. एन। सूर्य की जगह ली गई थी, जिन्हें सितंबर 2021 में तमिलनाडु का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। इसके बाद, दिल्ली में मुइवा और समूह के अन्य नेताओं के साथ कई दौर की बातचीत हुई, लेकिन अंतिम समझौता नहीं हो पाया, क्योंकि एनएससीएन-आईएम नगाओं के लिए एक अलग ध्वज और संविधान की अपनी मांग पर आ रहा है। यह एक ऐसी मांग है, जिस पर अब तक केंद्र ने सहमति नहीं बनाई है। केंद्र के साथ युद्ध विराम की 25वीं वर्षगांठ पर एनएससीएन-आईएम ने हालांकि, समझौता किया कि उसने विराम को वैसे ही जारी रखा। उल्लेखनीय है कि 25 जुलाई, 1997 को भारत सरकार के साथ हुए युद्ध विराम समझौते के 25 साल होने पर एनएससीएन-आईएम के संघर्षविराम निगरानी प्रकोष्ठ (सीएफएमसी) ने प्रतिबद्धता को नुकसान पहुंचाया था।
भारत सरकार 1997 से एनएससीएन-आईएम और 2017 से नागा नेशनल पॉलिटिकल लाइवग (एनएनपीजी) की कार्य समिति के साथ अलग से बातचीत कर रही है। एनएनपीजी में कम से कम सात नागा समूह शामिल हैं। भारत सरकार ने अगस्त 2015 में एनएससीएन-आईएम के साथ समझौते की रूपरेखा और नवंबर 2017 में एनएनपीजी के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। एक ओर एनएनपीजी ने एक समाधान को स्वीकार करने और बातचीत जारी रखने पर सहमति जताई है, तो एनएससीएन-आईएम नगाओं के लिए एक अलग ध्वज और संविधान की अपनी मांग पर हस्ताक्षर करता है।
अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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