भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. प. नड्डा ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी विकास पर है, जबकि कांग्रेस विनाश कर रही है। इसके साथ ही उन्होंने कर्नाटक के लोगों से यह सुनिश्चित करने का दावा किया कि विधानसभा चुनाव के बाद विपक्षी दल के नेता सदन में बैठे।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. प. नड्डा ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी विकास पर है, जबकि कांग्रेस विनाश कर रही है। इसके साथ ही उन्होंने कर्नाटक के लोगों से यह सुनिश्चित करने का दावा किया कि विधानसभा चुनाव के बाद विपक्षी दल के नेता सदन में बैठे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही वंशवाद को समाप्त कर एवं विकासवाद की शुरुआत से देश की राजनीतिक संस्कृति बदल गई है। उन्होंने कहा, ”विकास का अर्थ भाजपा है, प्रगति का अर्थ भाजपा है। विनाश का अर्थ कांग्रेस है, प्रगति को रोकने का अर्थ कांग्रेस है। नड्डा ने तुमकुरू में एक जनभा को संदेश देते हुए कहा कि एक तरफ बीजेपी और उनके नेता हैं जो विकास के एजेंडे को लेकर आगे बढ़ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ वे नेता (कांग्रेस से) हैं जो लोगों का ध्यान विकास से हटाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, राजनीति बदल गई है, वह समय चला गया जब लोगों को राजनीति से विचलित किया जा सकता था। अब ऐसा समय आ गया है जब कोई अपना कर्तव्य निभा रहा है टिक सकता है, नहीं तो उसे घर पर सत्य दिया जाएगा। यही कारण है कि लोगों ने कांग्रेस को घर में बिठा दिया है और मुझे विश्वास है कि कर्नाटक के लोग (विधानसभा चुनावों में) भी ऐसा ही करेंगे। नड्डा चुनावी राज्य कर्नाटक के अपने दो दिवसीय दौरे के अंत में एक जनभा को संदेश दे रहे थे।
इस दौरान उन्होंने तुमकुरू, चित्रदुर्ग और दावणगेरे पहचान में पार्टी और अभ्यर्थियों के साथ बैठकें कीं और विभिन्न समुदायों के मठों का दौरा किया। राज्य में अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। जनसभा में जनसभा में बसवराज बोम्मई, पूर्व सदस्य और भाजपा मंडल बोर्ड के सदस्य बी एस येदियुरप्पा, प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कतील, पार्टी की राष्ट्रीय शीतलिका अरुण सिंह और सी टी रवि, कई कैबिनेट मंत्री, विधायक, सांसद और नेतागण शामिल हुए। नड्डा ने आरोप लगाया कि केंद्र में संप्रग शासन और सिद्धरमैया नीत राज्य की कांग्रेस सरकार ने कर्नाटक और उसके लोगों की पहचान की।
उन्होंने कहा कि जब राज और भाजपा सरकार आई, चाहे वह दिल्ली में मोदी हो या यहां येदियुरप्पा और बोम्मई, उन्होंने हमेशा पहले यहां के लोगों के बारे में सोचा। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने भाइयों की तरह लोगों के बीच दरार पैदा की और अपने वोट बैंक की राजनीति और वंशवाद को बढ़ावा देने के लिए सड़कों, क्षेत्रों और राज्य के बीच जंग पैदा की। उन्होंने कहा कि लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश की राजनीतिक संस्कृति बदल गई और वंशवाद को खत्म कर विकासवाद शुरू किया गया और विकास की राजनीति को बढ़ावा दिया जा रहा है।
इससे पहले उन्होंने दावणगेरे में पेशेवरों और बुद्धिजीवियों के एक सभा को भेजा। उन्होंने कहा कि 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश की राजनीतिक संस्कृति बदल गई है। उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने और राज करो की राजनीति करने एवं भ्रष्टाचार, घूसखोरी और जातिवाद का प्रतिनिधित्व करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा मिशन, समाज की सेवा और विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, जब 2014 में मोदी ने देश के प्रधान मंत्री के रूप में कार्यभार ग्रहण किया, तो यह केवल प्रधान मंत्री या सरकार या लोगों या किसी दल का परिवर्तन नहीं था, बल्कि यह देश की राजनीतिक संस्कृति में बदलाव था।
उन्होंने कहा, मैं बढ़ा-बढ़ा कर नहीं कह रहा हूं, संप्रग की पिछली सरकार ऐसे दलों के समूह के तहत जो वंशवादी व्यवस्था को बढ़ावा दे रहे थे, वे पारिवारिक दल थे, वे वोट की राजनीति में विश्वास कर लोकतांत्रिक आंदोलन की रहे थे। उन्होंने कहा, वे समाज को साझा करने और शासन करने में विश्वास करते थे, वे धर्म और जाति के आधार पर विभाजन में विश्वास करते थे…’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने न केवल वंशवादी शासन, वंशवाद, जातिगत अनुपात, वोट की राजनीति को चुनौती दी, बल्कि ”मोदी ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास पर बल दिया। आप चाहेंगे कि देश ने ‘यू-टर्न’ लिया और नई राजनीतिक संस्कृति आई।
अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।