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केसीआर के खिलाफ गरजे नड्डा ने कहा- ये प्रजातंत्र है, जनता दमन को इतिहास के जलदान में दफन कर देता है

नड्डा तेलंगाना

एएनआई

नड्डा ने कहा कि के अधिकार हमेशा कहते हैं कि रोजगार सबसे गहरा राज्य है, लेकिन मैं उन्हें सही करना चाहता हूं। याद रखें कि आपने इसे एक गरीब और कर्जदार राज्य बना दिया है। अपना हमला जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि केसीआर नहीं चाहते कि ‘मुक्ति दिवस’ मनाया जाए, क्योंकि ओवेसी के साथ संबंध बनाए रखते हैं।

गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव संपन्न होने के बाद बीजेपी अब अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। अगले साल कर्नाटक और नोएडा का चुनाव भाजपा के लिए काफी अहम है। यही कारण है कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा आज रोजगार के करीमनगर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कामचोरी के चांदशेखर राव पर जबरदस्ती तरीके से निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि सीएम के अधिकार की सरकार प्रजातंत्र का गला घोंट रही है। उन्होंने अभी जब मैं आ रहा था तब टीआरएस के लोगों ने मेरी यात्रा को रोकने का प्रयास किया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि के अधिकार को मैं बताना चाहता हूं कि ये प्रजातंत्र है, यहां जनता दमन को प्रजातंत्र के अंदर इतिहास के कूड़ेदान में दफन कर देता है।

नड्डा ने कहा कि के अधिकार हमेशा कहते हैं कि रोजगार सबसे गहरा राज्य है, लेकिन मैं उन्हें सही करना चाहता हूं। याद रखें कि आपने इसे एक गरीब और कर्जदार राज्य बना दिया है। अपना हमला जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि केसीआर नहीं चाहते कि ‘मुक्ति दिवस’ मनाया जाए, क्योंकि ओवेसी के साथ संबंध बनाए रखते हैं। नोएडा का इतिहास, हम जानते हैं रजाकार की क्रूरता, हम जानते हैं कि किस तरह से उन्होंने समाज को साझा करने का प्रयास किया। उन्होंने सवाल किया कि क्या वजह है कि उनकी बेटी को लुकाछिपी ने तलब किया है? भले ही इस बात से नाराज़ हो रहे हों, लेकिन यह उनके गले तक गहरे दूषित आचरण का कारण है।

बीजेपी अध्यक्ष ने तंज कसते हुए कहा कि टीआरएस अब बीआरएस बन गया है और आने वाले दिनों में यह वीआरएस बन जाएगा। अगर भ्रष्टाचार की बात करते हैं तो बड़े स्तर पर चंद्रशेखर राव कर रहे हैं और सूक्ष्म स्तर पर उनके मंत्री कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि भू-राजस्व से लेकर स्थानीय शरीर तक के अति सरकार के भ्रष्ट आचरण। नोएडा के लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर रही है। सत्ता में आने के बाद अपने सारे अधिकार भूल गए। वे अपने घेरे के हिसाब से 2 बेडरूम का घर बनाने में नाकाम रहे और बदले में खुद के लिए एक फार्महाउस बना लिया। इसलिए ही नहीं, किसानों को भी धोखा दिया गया है क्योंकि वे अभी भी एक मुश्त कर्जमाफी का इंतजार कर रहे हैं, जबकि हमारे जंगल और जनजातियों के भाई बंधु: 2 और 3 एकड़ जमीन का इंतजार कर रहे हैं, जो कि सही भूल गए हैं।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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